(तस्वीरों के साथ)
बर्द्धमान/कृष्णानगर, तीन मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अब तक की सबसे कम सीटों पर सिमट जाएगी और देश की सबसे पुरानी पार्टी आम चुनाव में ‘अर्ध-शतक’ का आंकड़ा पार करने के लिए संघर्ष करेगी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा और कहा कि केरल के वायनाड में ‘हार के डर’ से उन्होंने यह कदम उठाया है। राहुल वायनाड से मौजूदा सांसद हैं।
बर्द्धमान-दुर्गापुर, कृष्णानगर और बोलपुर लोकसभा क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह अनुसूचित जाति, दलितों और ओबीसी का आरक्षण छीन लेगी और उसे अपने ‘जिहादी वोट बैंक’ को दे देगी ताकि पार्टी अपनी ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ कर सके।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक उम्मीदवार की ‘वोट जिहाद’ संबंधी टिप्पणी का समर्थन करने के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन और कांग्रेस की आलोचना की।
मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि ‘शहजादे’ वायनाड में हारने वाले हैं और जैसे ही मतदान समाप्त होगा वह कोई और सीट खोजने लग जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘…और अब दूसरी सीट पर भी उनके सारे चेले-चपाटे कह रहे थे अमेठी आएंगे, अमेठी आएंगे। लेकिन (राहुल) अमेठी से भी इतना डर गए कि वहां से भागकर अब रायबरेली में खोज रहे हैं रास्ता। ये लोग घूम-घूम कर सबको कहते हैं – डरो मत! मैं भी इन्हें कहता हूं, अरे डरो मत! भागो मत!’’
प्रधानमंत्री ने इसके साथ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने तीन महीने पहले ही दावा किया था कि कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता इस बार चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘वो डर के मारे भाग जाएंगी। भाग करके राजस्थान गईं और राज्यसभा में आईं।’’
मोदी ने दावा किया इस बार के चुनाव के नतीजे का अनुमान लगाने के लिए किसी ‘ओपिनियन पोल’ या फिर ‘एक्जिट पोल’ की जरूरत नहीं है क्योंकि परिणाम ‘स्पष्ट’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इस बार पहले से भी कम सीटों पर सिमटने जा रही है। अब देश भी समझ रहा है कि ये लोग चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़ रहे हैं, ये सिर्फ देश को बांटने के लिए चुनाव के मैदान का उपयोग कर रहे हैं।’’
कांग्रेस ने शुक्रवार को अमेठी और रायबरेली को लेकर जारी संशय को समाप्त करते हुए उनकी मां सोनिया गांधी की परंपरागत सीट से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा की।
राहुल गांधी 2019 में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से हार गए थे लेकिन वायनाड से जीते थे। वायनाड सीट से वह इस बार भी लड़ रहे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें अब तक के सबसे निचले स्तर पर होंगी। कांग्रेस जितनी चाहे कोशिश कर ले, लेकिन पार्टी इस बार अर्धशतक का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी। उन्हें 50 सीट पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।’’
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सबसे कम सीट 2014 में मिलीं थीं जब उसे सिर्फ 44 सीट मिली थीं। 2019 में, पार्टी ने 52 सीट जीती थी।
मोदी ने कहा, ‘‘क्या तृणमूल कांग्रेस 15 सीट जीतकर, कांग्रेस 50 से कम सीट प्राप्त कर और वाम मोर्चा जो कि अपना जनाधार खो चुका है… चुनाव जीत सकते हैं और एक स्थिर सरकार बना सकते हैं? जवाब है …‘नहीं’। केवल भाजपा नीत राजग ही चुनाव जीत सकता है और स्थिर सरकार बना सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर छोड़ दिया है और उसके नेतृत्व वाली सरकार यहां भ्रष्टाचार के साथ ही तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त है तथा राज्य में ‘‘लोकतंत्र की कब्र खोद रही’’ है।
मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर की एक कथित टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में हिंदू दोयम दर्जे के नागरिक क्यों बन गए हैं… टीएमसी के एक विधायक ने हाल ही में बयान दिया था कि वे हिंदुओं को भागीरथी नदी में फेंक देंगे। यह किस तरह की राजनीति है? क्या तृणमूल कांग्रेस के लिए मानवता से ज्यादा तुष्टीकरण महत्वपूर्ण है?’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें (तृणमूल कांग्रेस को) राम मंदिर, रामनवमी, शोभा यात्रा और जय श्रीराम के नारों तक से समस्या है।
मोदी ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह लिखित में वादा करे कि वह धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि भारत सरकार को धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान नहीं करना चाहिए लेकिन कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। क्योंकि वह ओबीसी, दलितों और आदिवासियों से नाराज है, क्योंकि उन्होंने मोदी का समर्थन किया है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस और विपक्षी दल को लिखित बयान देना होगा कि वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को नहीं छीनेंगे।’’
विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए, मोदी ने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों वाले ‘इंडिया’ गठबंधन की केवल एक नीति है और वह है तुष्टीकरण की।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले, उन्होंने धर्म के आधार पर देश को विभाजित किया और इसका खामियाजा उन सिख, ईसाई और पारसी जैसे समुदायों को भुगतना पड़ा जो दूसरी तरफ फंसे हुए थे। ऐसे समुदायों का ध्यान रखने के लिए, हमारी सरकार ने सीएए लाने का फैसला किया लेकिन तृणमूल कांग्रेस सहित ये दल अपने वोट बैंक को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए इसके खिलाफ जी-जान से लड़ रहे हैं।’’
पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय को साधने के प्रयास के तहत मोदी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि टीएमसी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का समर्थन करेगी क्योंकि मतुआ लोगों को इससे फायदा होगा। लेकिन, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी वोट बैंक की राजनीति के लिए इसका विरोध कर रही है।’’
उन्होंने उत्तर 24 परगना के संदेशखालि की पीड़ित महिलाओं के प्रति ‘उदासीन’ रवैया अपनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की। संदेशखालि में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सामने आए हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने अपनी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण संदेशखालि मामले के मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ा क्योंकि उसका नाम शाहजहां शेख है। वहां महिलाओं के विरुद्ध इतने अत्याचार किए गए और पूरा देश दोषियों को सजा देना चाहता था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस अंत तक मुख्य आरोपी को बचाती रही।’’
संदेशखालि से हाल ही में एक छापे के दौरान हथियार और गोला-बारूद की जब्ती पर मोदी ने कटाक्ष किया कि क्या हथियार राज्य में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए थे?
उन्होंने कहा, ‘‘संदेशखालि से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था तो क्या यह बंगाल में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए था? तृणमूल कांग्रेस राज्य में लोकतंत्र की कब्र खोद रही है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र वैभव
वैभव
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भाजपा सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है:…
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