देश की 99 प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ‘रेवड़ी’ बताती है मोदी सरकार: कांग्रेस |

देश की 99 प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ‘रेवड़ी’ बताती है मोदी सरकार: कांग्रेस

देश की 99 प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ‘रेवड़ी’ बताती है मोदी सरकार: कांग्रेस

:   Modified Date:  May 14, 2024 / 06:13 PM IST, Published Date : May 14, 2024/6:13 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की एक टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि देश की 99 प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ‘रेवड़ी’ बताना मोदी सरकार की आदत है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार बनने पर पार्टी की ओर से घोषित योजनाओं का उचित ढंग से क्रियान्वयन किया जाएगा।

भाजपा नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम चुनावों के दौरान कांग्रेस को उसकी विभिन्न योजनाओं की घोषणाओं को लेकर आड़े हाथ लिया था। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस को गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने समेत सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने की लागत के बारे में पता भी है?

सीतारमण ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के राजकोषीय प्रबंधन (विशेषकर कर्ज को लेकर) के बारे में हाल के दिनों में बहुत कुछ कहा गया है।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के ऐतिहासिक न्याय पत्र घोषणापत्र की व्यवहार्यता पर सवाल उठाया है और इसके व्यावहारिक प्रस्तावों को ऐसे ‘‘बड़े वादे’’ के रूप में वर्णित किया है जो वित्तीय रूप से महंगा साबित सकता है। इस बात पर ध्यान न दें कि पिछले दो दशकों में जीडीपी वृद्धि, निवेश और रोजगार सृजन राजग की तुलना में संप्रग सरकार के तहत अधिक थे। संप्रग ने अपना कार्यकाल मोदी सरकार की तुलना में कम राजकोषीय घाटे और राष्ट्रीय ऋण (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) के साथ समाप्त किया।’’

उनका कहना था, ‘‘यह वही डराने वाली बात थी जो भाजपा ने 2004 में असफल रूप से की थी, जिसके बाद संप्रग ने सत्ता संभाली और भारत का अब तक का सबसे अच्छा आर्थिक प्रदर्शन रहा। वह भी 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद, जो 1930 के दशक के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा झटका था। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जब हम वित्तीय मंदी के दौरान काम कर रहे थे तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह प्राथमिक साझेदार थे।’’

रमेश के अनुसार, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सीतारमण, ‘महालक्ष्मी’ (प्रत्येक गरीब परिवार को एक लाख रुपये) या पहली नौकरी पक्की (25 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक स्नातक या डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपये की प्रशिक्षुता) जैसी आवश्यक योजनाओं को खर्चीली मानती हैं।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ‘‘मैं प्याज नहीं खाती’’ जैसी असंवेदनशील टिप्पणियों के साथ खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों को नजरअंदाज करने के लिए जानी जाती हैं।

रमेश ने कहा, ‘‘अगले महीने से भारत सरकार द्वारा योजनाओं को उचित ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा। मोदी सरकार की यह आदत है कि वह केवल उन नीतियों को ‘रेवड़ी’ के रूप में वर्णित करती है, जिनका उद्देश्य 99 प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाना है, जबकि प्रधानमंत्री के करीबियों को दिए गए अरबों डॉलर को इस श्रेणी से बाहर रखा गया है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि ये जनविरोधी नीतियां चार जून, 2024 को समाप्त हो जाएंगी। ‘इंडिया’ जीतेगा और भारत बदलेगा।’’

भाषा हक

हक माधव

माधव

 

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