मॉनसून के केरल पहुंचने में हो सकती है देरी, तीन जून तक दस्तक देने का अनुमान: मौसम विभाग | Monsoon may be delayed in reaching Kerala, expected to hit by June 3: Met Department

मॉनसून के केरल पहुंचने में हो सकती है देरी, तीन जून तक दस्तक देने का अनुमान: मौसम विभाग

मॉनसून के केरल पहुंचने में हो सकती है देरी, तीन जून तक दस्तक देने का अनुमान: मौसम विभाग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : May 30, 2021/1:33 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) केरल में दक्षिणपश्चिम मानसून के आगमन में दो दिन की देरी हो सकती है और राज्य में अब इसके 3 जून तक पहुंचने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी।

हालांकि निजी पूर्वानमुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने कहा कि मानसून केरल में दस्तक दे चुका है।

‘स्काईमेट वेदर’ के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा कि इस वर्ष मॉनसून की ‘‘शुरुआत बहुत कमजोर है।’’

‘स्काईमेट वेदर’ ने इससे पहले पूर्वानुमान जताया था कि मॉनसून केरल में 30 मई को दस्तक देगा।

मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि कर्नाटक तटीय इलाके में चक्रवातीय परिसंचरण से दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना बाधित हुआ है।

विभाग ने कहा, ”एक जून से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं धीरे-धीरे जोर पकड़ सकती हैं, जिसके चलते केरल में वर्षा संबंधी गतिविधि में तेजी आ सकती है। लिहाजा केरल में तीन जून के आसपास मानसून की शुरुआत होने की उम्मीद है।”

विभाग के अनुसार निम्न स्तरीय दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के चलते वर्षा संबंधी गतिविधियां तेज होंगी। इसके साथ ही अगले पांच दिन के दौरान उत्तरपूर्वी राज्यों में कुछ स्थानों में भारी बारिश होने का अनुमान है।

केरल में सामान्य रूप से एक जून को मॉनसून दस्तक दे देता है। इसके साथ ही देश में चार महीने तक चलने वाली वर्षा ऋतु शुरुआत हो जाती है।

मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में केरल में 31 मई को मानसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था।

आईएमडी ने रविवार की सुबह अपने दैनिक बुलेटिन में कहा कि केरल में मानसून की शुरुआत 31 मई के आसपास होने की उम्मीद थी। हालांकि, दोपहर तक उसने कहा कि इसकी शुरुआत 3 जून तक होने की उम्मीद है।

आईएमडी के अनुसार, केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत तीन मापदंडों पर निर्भर करती है। यदि 10 मई के बाद, 14 स्टेशनों में से 60 प्रतिशत – मिनिकॉय, अमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लपुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझीकोड, थालास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर में लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे अधिक वर्षा होती है तो दूसरे दिन केरल में मॉनसून की शुरुआत की घोषणा की जाती है, बशर्ते अन्य दो मानदंड भी साथ में हों।

इसे हवा की गति से पूरक होना होगा। वहीं आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) अक्षांश 5-10 डिग्री उत्तर और देशांतर 70-75 डिग्री पूर्व तक सीमित बॉक्स में 200 वाट प्रति वर्ग मीटर (डब्ल्यूएम-2) से कम होना चाहिए।

शर्मा ने कहा कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की घोषणा के लिए आईएमडी के सभी मानदंड पूरे हो गए हैं।

शर्मा ने कहा, ‘‘किसी भी बड़े मानसून उत्प्रेरक की अनुपस्थिति में, शुरुआत थोड़ी हल्की हो सकती है। इसके दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिक हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। उत्तरपूर्वी भारत में समय पर प्रगति की उम्मीद है।’’

महापात्र ने कहा कि पश्चिमी हवाओं की गहराई उतनी नहीं है जितनी की उम्मीद है। साथ ही, वर्षा के मानदंड केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा करने के लिए अधूरे हैं।

इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।

भाषा. अमित नरेश

नरेश

 

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