मोरबी पुल हादसाः गुजरात सरकार ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा |

मोरबी पुल हादसाः गुजरात सरकार ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा

मोरबी पुल हादसाः गुजरात सरकार ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा

:   Modified Date:  September 25, 2023 / 06:49 PM IST, Published Date : September 25, 2023/6:49 pm IST

अहमदाबाद, 25 सितंबर (भाषा) गुजरात सरकार ने राज्य के मोरबी शहर में एक पुल ढह जाने की घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए सोमवार को उच्च न्यायालय से समय मांगा। पिछले साल अक्टूबर में हुए इस पुल हादसे में 135 लोग मारे गए थे।

मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध माई की खंडपीठ ने यह कहते हुए सरकार को दो हफ्ते का समय दिया कि हादसे के बाद स्वत: संज्ञान पर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई को लेकर कोई और स्थगन आदेश नहीं दिया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि दिक्कत इसलिए आती है, क्योंकि हर चीज आखिरी वक्त पर तैयार की जाती है।

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना ब्रिटिश काल का झूला पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था। इस हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे।

राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी गठित की थी, जिसने पिछले साल दिसंबर में एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। अंतरिम रिपोर्ट में ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड) द्वारा निर्मित पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां मिली थीं। ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और वह फिलहाल जेल में हैं।

महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने 31 अगस्त को पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत को सूचित किया था कि मामले की जांच कर रही एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट तीन सप्ताह में आ जाएगी और पीठ के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

त्रिवेदी ने अदालत को यह भी बताया था कि सरकार ने उन सात बच्चों के परिजनों को 50 लाख रुपये का भुगतान किया है, जिन्होंने पुल हादसे में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था। उन्होंने बताया था कि सरकार विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत इन बच्चों की स्कूल शिक्षा और भोजन का ख्याल रख रही है।

वहीं, प्रत्येक मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये दिए गए थे, जिसमें से 10 लाख रुपये सरकार की ओर से, जबकि इतनी ही राशि ओरेवा समूह की तरफ से थी। यह कंपनी 100 साल से अधिक पुराने इस झूला पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार थी।

पिछले साल नवंबर में शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय से जांच और हादसे के अन्य पहलुओं की समय-समय पर निगरानी करने को कहा था, जिसमें पीड़ितों या उनके परिवारों का पुनर्वास तथा उन्हें मुआवजा देना भी शामिल है।

इस मामले में कुल 10 लोगों को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।

भाषा पारुल नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)