पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), 18 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के बरेली के कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद एक स्थानीय व्यापारी संगठन ने जिले के धारचूला में मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया और उन्हें शहर से बाहर निकालने की अपील की।
धारचूला व्यापार संघ ने 91 व्यापारियों की सदस्यता रद्द कर दी है, जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं। साथ ही संघ के सदस्यों ने पिछले तीन दिन से उन्हें दुकानें नहीं खोलने दी हैं।
उन्होंने मकान मालिकों से ऐसे ‘बाहरी लोगों’ को बाहर निकालने को भी कहा है।
लेकिन प्रशासन ने कहा कि जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर दूर शहर में संपत्ति मालिकों ने व्यापारी संगठन के आह्वान का समर्थन नहीं किया है।
धारचूला के थाना प्रभारी परवेज अली ने कहा कि फरवरी में नाबालिग लड़कियों को बहलाने-फुसलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए बरेली के दो व्यापारियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) व 376 (यौन उत्पीड़न) समेत संबंधित धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
पिथौरागढ़ की जिला मजिस्ट्रेट रीना जोशी ने कहा, ‘हमने उन तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है जिन्होंने दुकान मालिकों को दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया।’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी। शहर में कारोबार करने वाले बाहर के व्यापारियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।’
धारचूला के एसडीएम मंजीत सिंह ने कहा कि जिन व्यापारियों की सदस्यता रद्द की गई है, उन्हें जिला प्रशासन पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि धारचूला के बाहर के व्यापारियों ने पिछले तीन दिन से अपनी दुकानें बंद रखी हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी जगह नहीं छोड़ी है।
शहर के 600 से अधिक व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले धारचूला व्यापार संघ ने केवल राज्य के व्यापारियों को सदस्यता देने का निर्णय लिया है।
व्यापार संघ के सचिव महेश गर्ब्याल ने कहा, “बाहर से आने वाले व्यापारी इस संवेदनशील सीमावर्ती शहर में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
हालांकि घटना के तुरंत बाद लड़कियों को मुक्त कराने के साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन शहर में बाहर के व्यापारियों के खिलाफ तनाव पैदा हो गया है।
उत्तरकाशी जिले के पुरोला में इसी तरह की स्थिति के कारण पिछले साल जून में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई थी।
भाषा जोहेब रंजन
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