लोगों के बीच इतिहास के समान बोध, भविष्य की समान दृष्टि से पैदा होती है राष्ट्रीयता: डोभाल |

लोगों के बीच इतिहास के समान बोध, भविष्य की समान दृष्टि से पैदा होती है राष्ट्रीयता: डोभाल

लोगों के बीच इतिहास के समान बोध, भविष्य की समान दृष्टि से पैदा होती है राष्ट्रीयता: डोभाल

:   Modified Date:  April 10, 2024 / 12:00 AM IST, Published Date : April 10, 2024/12:00 am IST

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने मंगलवार को प्राचीन भारत और उसकी उपलब्धियों के इतिहास के विभिन्न चरण को समेटने वाली 11 अंकों की एक पुस्तक शृंखला का विमोचन किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपने इतिहास का समान बोध तथा अपने भविष्य की समान दृष्टि रखने वाले लोग राष्ट्रीयता का निर्माण करते हैं।

विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा, ‘‘जिन लोगों के इतिहास का बोध यदि अलग है कि ‘मेरा नायक आपका खलनायक है’ तो मैं और आप एक राष्ट्र नहीं बना सकते।’’

विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) और आर्यन बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक शृंखला ‘प्राचीन भारत का इतिहास’ का विमोचन करने के बाद, उन्होंने कहा कि इसमें ‘विद्वानों के एक बड़े समूह’ के अध्ययन पत्र शामिल हैं।

भाषा वैभव आशीष

आशीष

 

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