एक जुलाई से बदल सकता है ये कानून, रोज़ाना करना पड़ेगी 12 घंटे की नौकरी |

एक जुलाई से बदल सकता है ये कानून, रोज़ाना करना पड़ेगी 12 घंटे की नौकरी

New Labour code: केंद्र सरकार नए श्रम कानूनों को लागू करने की तैयारी कर रही है। जो 1 जुलाई से लागू हो सकता है। नए 4 कानून बनाए गए है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : June 24, 2022/5:31 pm IST

New Labour code: दिल्ली। केंद्र सरकार 1 जुलाई से नया लेबर कोड लागू कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो कर्मचारियों को रोज़ाना 12 घंटे की नौकरी करना पड़ेगा। ये 4 नए कानून 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर बनाए गए है। इस कोड को लागू करने के लिए कई कंपनियां इसकी तैयारी भी कर रही है। इसके तहत 1 सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम का भी प्रावधान शामिल है। यानी 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी। इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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काम के घंटे बढ़े या घटे?

New Labour code: नए कोड के हिसाब से हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन की छुट्टी का प्रवधान किया गया है। 1 दिन में अधिकतम 12 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा। इस हिसाब से 12 घंटे काम करने वाले कर्मचारी को 4 दिन काम करना पड़ेगा। कर्मचारी को इस अवधि से अधिक काम नहीं करना होगा, और न ही कंपनियां कर्मचारियों से इससे अधिक काम ले सकती है। इसके साथ काम के घंटे के साथ ओवरटाइम को भी तय किया गया है। पहले एक हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा 50 घंटे का ओवरटाइम किया जा सकता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है। क्योंकि 4 दिन बाद कर्मचारी की छुट्टी होने पर कंपनी अपना काम निपटने के लिए बाहर के लोगों से ओवरटाइम करा सकती है।

 

पैसा हाथ में कम और रिटायरमेंट में ज्यादा

New Labour code: नए लेबर कोड के तहत किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ग्रॉस सैलरी का कम से कम 50%  जरूर होना चाहिए। इसका असर होगा कि कर्मचारियों के ईपीएफ अकाउंट में ज्यादा पैसे जमा होंगे। कर्मचारी के खाते से ग्रेच्युटी का पैसा भी ज्यादा कटेगा। इससे हर महीने हाथ में आने वाली सैलरी कम हो सकती है। जबकि कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से पहले से अधिक सुरक्षित होगा और उसके रिटायरमेंट के फायदे भी बढ़ जाएंगे।

 

6 महीने बाद ही मिल जाएगी छुट्टी

New Labour code: पहले नौकरी की शर्त 240 दिन होती थी जिसे घटाकर 180 दिन किया गया है। जिसका मतलब कोई भी कर्मचारी 180 दिन या 6 महीने की ड्यूटी के बाद छुट्टी के लिए अरजी लगा सकता है। कमाई वाली छुट्टी या अर्ल्ड लीव के नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 20 दिन काम करने के बाद एक अर्ल्ड लीव मिला करेगी। छुट्टी के कैरी फॉरवर्ड नियम में भी कोई बदलाब नहीं किया गया है। कैरी फॉरवर्ड में कुछ दिनों की छुट्टियों के पैसे मिलेंगे जबकि अधिकांश छुट्टियां अगले साल में कैरी फॉरवर्ड हो जाएंगी और लिमिट तो बची छुट्टियों के पैसे भी मिलेंगे।

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New Labour code: ये होंगे 4 नए कानून

सोशल सिक्योरिटी कोड

New Labour code: इस कोड के तहत ईएसआईसी की सुविधा को बढ़ाया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी इसकी सुविधा मिलेगी। किसी भी कर्माचारी की ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और बेसिक सैलरी कुल वेतन की 50 प्रतिशत होगी। इससे ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन का स्ट्रक्चर बदल जाएगा, बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा पहले से ज्यादा कटेगा। हाथ में आने वाली सैलरी कम हो जाएगी।

 

ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड

New Labour code: कोड 2 के तहत लीव पॉलिसी और सेफ एन्वायर्नमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाय 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी मिलेगी। इसके अलावा कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा।

 

इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड

New Labour code: तीसरे कोड के तहत कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया कोड लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी कर सकेंगी। 2019 में इस कोड में कर्मचारियों की सीमा 100 रखी गई थी, जिसे 2020 में इसे बढ़ाकर 300 किया गया है।

 

वेज कोड

New Labour code: इस कोड में पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी। सरकार का अनुमान है कि इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी। इसको 2019 में ही पास कर दिया गया था।

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