Bilkis Bano Case Latest Update

Bilkis Bano Case Latest Update : बिलकिस बानो केस में आया नया मोड़, अब ​11 दोषियों को फिर से जाना होगा जेल, SC ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कही ये बातें..

Bilkis Bano Case Latest Update : सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कह कि वह इस तरह के निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं है।

Edited By :   Modified Date:  January 8, 2024 / 01:22 PM IST, Published Date : January 8, 2024/1:20 pm IST

Bilkis Bano Case Latest Update : नई दिल्ली। गुजरात के बिलकिस बानो गैंगरेप केस में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है। सुप्रीत कोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए पहले तो गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई और फिर राज्य सरकार के जल्द रिहाई वाले फैसले को पलट के रख दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कह कि वह इस तरह के निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कदम को ‘फ्रॉड एक्ट’ करार दिया और कहा कि दो​षियों को 2 सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा। बता दें कि गुजरात सरकार ने पिछले साल मामले में 11 दोषियों को रिहा किया था। अब कोर्ट के फैसले के बाद सभी 11 दोषियों को वापस जेल जाना होगा।

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Bilkis Bano Case Latest Update : बता दें कि ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस बीवी नागरथाना और उज्जल भुइयां की बेंच ने ये बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 दो​षियों को जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका वैध है। इतना ही नहीं SC ने पहले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से कहा था कि राज्य सरकारों को दोषियों को सजा में छूट देने में ‘चयनात्मक रवैया’ नहीं अपनाना चाहिए और प्रत्येक कैदी को सुधार तथा समाज के साथ फिर से जुड़ने का अवसर दिया जाना चाहिए।

बिलकिस बानो केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहीं ये बातें

जस्टिस नागरथाना ने कहा- इस अदालत में धोखाधड़ी का खेल खेला गया है। इस अदालत की ओर से गुजरात सरकार को छूट पर विचार करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था। यह एक धोखाधड़ी का कार्य है। हम मानते हैं कि इस अदालत के समक्ष फैक्ट को छिपाया गया है। यह अदालत में धोखाधड़ी की गई है। इस तरह हम मानते हैं कि इस अदालत का 13 मई 2022 का आदेश सही नहीं था और कानून में अमान्य था।

– कोर्ट का कहना था कि आपने (गुजरात सरकार) सुप्रीम कोर्ट के साथ फ्रॉड किया है। आपने हाई कोर्ट की टिप्पणियों को सामने क्यों नहीं रखा? इससे पहले हाईकोर्ट और लोअर कोर्ट ने दोषियों की रिहाई के खिलाफ टिप्पणियां की थीं। ये सारे फैक्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने छिपाए गए हैं।

– यह पूरा मामला गुजरात सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं था। बिलकिस बानो की मांग पर ये पूरा केस मुंबई ट्रांसफर कर दिया था। ऐसे में अगर कोई फैसला लेना था तो उस पर महाराष्ट्र सरकार को अधिकार था। यानी सजा में छूट देने का अधिकार महाराष्ट्र की सरकार के पास था। हालांकि, इस केस में इतने पेंच हैं, उसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार के लिए भी फैसला लेना आसान नहीं है।

– सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों की जल्द रिहाई का फैसला रद्द कर दिया। महाराष्ट्र और गुजरात की अदालतों और प्रशासनिक स्तर पर भी इस सजा माफी मामले में निगेटिव ओपिनियन आया है। दो हाईकोर्ट ने भी नेगेटिव ओपिनियन दिया था। गुजरात सरकार के आदेश को रद्द किया जाता है।

– हर महिला सम्मान की हकदार है। चाहे वो समाज में कितनी भी ऊंची या नीची क्यों ना हो। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि दोषी की तरफ से भौतिक तथ्यों को दबाकर और भ्रामक तथ्य बनाकर सजा माफी पर विचार करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

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आखिर क्या है पूरा मामला

बिलकिस बानो उस वक्त 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब साम्प्रदायिक दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसकी तीन वर्षीय बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी। पिछले साल 15 अगस्त को सभी 11 दोषियों को सजा में छूट दिए जाने और रिहा किए जाने के तुरंत बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की थीं। साथ ही बिलकिस ने नवंबर में शीर्ष अदालत का रुख किया था।

 

बिलकिस बानो गैंगरेप केस पर विवेक तन्खा का बयान

बिलकिस बानो गैंगरेप केस में जो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को बदला है। सभी 11 दोषियों को फिर से जेल जाना होगा। उस पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद का कहना है कि ये सिर्फ न्याय नहीं है बल्कि नारी सम्मान की जीत भी है। हमारा देश रेपिस्ट्स की रिहाई पर जश्न से शर्मसार हुआ था। सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करना हूं जिसने नारी का सम्मान बनाए रखा है।

 

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