बिहार: नक्सलवाद को फिर से उभारने के मामले में दो नक्सलियों के खिलाफ एनआईए का आरोप-पत्र |

बिहार: नक्सलवाद को फिर से उभारने के मामले में दो नक्सलियों के खिलाफ एनआईए का आरोप-पत्र

बिहार: नक्सलवाद को फिर से उभारने के मामले में दो नक्सलियों के खिलाफ एनआईए का आरोप-पत्र

:   Modified Date:  February 3, 2024 / 07:03 PM IST, Published Date : February 3, 2024/7:03 pm IST

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बिहार के मगध क्षेत्र में नक्सलवाद को फिर से उभारने के मामले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दो सदस्यों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि बिहार के कैमूर के रोहित राय उर्फ ‘प्रकाश’ उर्फ ‘मनोज’ उर्फ ‘पत्रकार’ उर्फ ‘नेताजी’ और औरंगाबाद के प्रमोद यादव उर्फ ‘प्रमोद कुमार’ के खिलाफ शुक्रवार को पटना की विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

एनआईए के मुताबिक राय उपमंडलीय कमांडर था और अपने क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों को माओवादी विचारधारा को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित कर रहा था।

अधिकारी ने बताया कि वह लेवी (रंगदारी) वसूलने में शामिल था और आसानी से झांसे में आ जाने वाले युवाओं को भाकपा(माओवादी) में भर्ती करने की कोशिश कर रहा था।

प्रवक्ता ने बताया कि यादव भाकपा (माओवादी) के पोलित ब्यूरो का सदस्य था और प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के अलावा, उत्तरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में माओवादी गतिविधियों को फिर से उभारने की कोशिश कर रहा था।

उन्होंने बताया कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से कारतूस के साथ दो पिस्तौल, भाकपा (माओवादी) की मगध जोनल संगठन समिति की एक पुस्तिका, रंगदारी की रसीदें और एक मोबाइल फोन जब्त किया गया था।

प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने पिछले साल 26 सितंबर को मामले की जांच शुरू की थी और पाया था कि राय ने यादव और अन्य के साथ मिलकर मगध क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) को फिर से स्थापित करने के लिए आठ जून को औरंगाबाद के माही गांव में एक बैठक की थी। उन्होंने बताया कि संगठन की गतिविधियों को मजबूत करने के लिए दोनों ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, ठेकेदारों, टोल प्लाजा और अन्य ऐसी संस्थाओं से रंगदारी वसूलने पर चर्चा की थी।

एजेंसी के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ कि धन जुटाने के अलावा दोनों आरोपी भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के साथ विभिन्न व्यक्तियों की बैठकें कराने और प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा के प्रचार-प्रसार में भी सक्रिय रूप से शामिल थे।

प्रवक्ता ने बताया कि दोनों के पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहे हैं और बिहार के कैमूर तथाऔरंगाबाद जिलों में उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

 

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