निठारी: सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायालय राजी |

निठारी: सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायालय राजी

निठारी: सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायालय राजी

:   Modified Date:  May 4, 2024 / 10:13 PM IST, Published Date : May 4, 2024/10:13 pm IST

नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय 2006 के नोएडा के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पीड़ितों में से एक के पिता पप्पू लाल द्वारा दायर अपील पर नोटिस जारी किया।

लाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा और अधिवक्ता रूपेश कुमार सिन्हा एवं सतरूप दास ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में त्रुटि की है।

पीठ ने नोटिस जारी किया और लाल की याचिका पर कोली से जवाब मांगा तथा रजिस्ट्री को निचली अदालत एवं उच्च न्यायालय से रिकॉर्ड मंगवाने का निर्देश भी दिया।

अपनी याचिका में लाल ने उच्च न्यायालय के 16 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी और केवल कोली को पक्षकार बनाया है। कोली मोनिंदर सिंह पंढेर का घरेलू नौकर था।

सत्र अदालत ने इस मामले में पंढेर को बरी कर दिया था, जबकि कोली को 28 सितंबर, 2010 को मौत की सजा सुनाई थी। मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई थी।

उच्च न्यायालय ने 16 अक्टूबर को कोली और पंढेर द्वारा दायर कई अपीलों पर फैसले सुनाए, जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

न्यायालय ने यह कहते हुए दोनों को बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष ‘संदेह से परे’ अपराध साबित करने में विफल रहा और जांच ‘खराब’ रही।

बारह मामलों में कोली और दो मामलों में पंढेर को सुनाई गई मौत की सजा को पलटते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष ‘परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले के तय मानदंडों पर उचित संदेह से परे’ दोनों आरोपियों का अपराध साबित करने में विफल रहा

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

 

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