मुख्यमंत्री बदलने से बड़ा कोई सबूत नहीं गुजरात सरकार की 'अक्षमता' का : मनीष तिवारी |

मुख्यमंत्री बदलने से बड़ा कोई सबूत नहीं गुजरात सरकार की ‘अक्षमता’ का : मनीष तिवारी

मुख्यमंत्री बदलने से बड़ा कोई सबूत नहीं गुजरात सरकार की 'अक्षमता' का : मनीष तिवारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : November 23, 2022/6:18 pm IST

अहमदाबाद, 23 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को यहां दावा किया कि गुजरात में सरकार की ‘अक्षमता’ के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अपने मुख्यमंत्रियों को बदलने जाने से बड़ा कोई सबूत नहीं हो सकता है।

गुजरात में अगले महीने विधानसभा चुनाव है।

तिवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मोरबी पुल हादसे का जिक्र किया और राज्य सरकार के ‘अहंकार’ को लेकर उसकी आलोचना की। पिछले दिनों मोरबी हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने सवाल किया कि इस घटना को लेकर किसी ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और ‘सबसे बड़े आरोपी’, धनी व्यक्तियों और पुल के नवीनीकरण का ठेका लेने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।

भाजपा ने 2016 में गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की जगह विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। रूपाणी 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहे और पिछले साल उनकी जगह भूपेंद्र पटेल को नियुक्त किया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सरकार की अक्षमता का इससे बड़ा सबूत नहीं हो सकता कि मुख्यमंत्रियों को हटाने की नौबत आई। (मौजूदा मुख्यमंत्री) का क्या हश्र होगा, यह जनता तय करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘सरकार की नाकामी का इससे बड़ा जीवंत उदाहरण नहीं हो सकता कि आपको तीन बार अपने मुख्यमंत्रियों को बदलना पड़ा।’

तिवारी ने आरोप लगाया कि गुजरात में भ्रष्टाचार को वैध बना दिया गया और उसी ‘मॉडल’ को देश पर थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार को वैध बना देना देश के लिए खतरनाक है।’

उन्होंने दावा किया कि गुजरात का कर्ज 2.98 लाख करोड़ रुपये है और 20-24 साल आयु वर्ग के युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 12.5 प्रतिशत है, जो संभवत: देश में सबसे अधिक है।

आम आदमी पार्टी (आप) के बारे में पूछे गए एक सवाल पर, तिवारी ने दावा किया कि पाकिस्तान की सीमा से लगे प्रदेश पंजाब को चलाने के लिए जिस तरह के प्रशासनिक अनुभव, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है, वह नयी (आप) सरकार द्वारा नहीं दिखाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘मेरा गुजरात के लोगों से अनुरोध है कि वे गलती न दोहराएं।’

गुजरात चुनाव से पहले, नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर का जिक्र कर भाजपा द्वारा राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के सवाल पर तिवारी ने दावा किया कि जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी, कोविड महामारी प्रबंधन और भ्रष्टाचार से ‘‘ध्यान भटकाने में राज्य सरकार ने पीएचडी’ की है।

तिवारी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से सवाल करना चाहूंगा कि वह विकास के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं? जब भी कोई चुनाव होता है, तो भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, कोविड या भ्रष्टाचार जैसे जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों को दरकिनार कर देती है।’’

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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