ऋण भुगतान न करने के मामले में एफआरएल के खिलाफ कदम से किसी को फायदा नहीं : शीर्ष अदालत |

ऋण भुगतान न करने के मामले में एफआरएल के खिलाफ कदम से किसी को फायदा नहीं : शीर्ष अदालत

ऋण भुगतान न करने के मामले में एफआरएल के खिलाफ कदम से किसी को फायदा नहीं : शीर्ष अदालत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : February 1, 2022/10:53 pm IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ऋण के भुगतान में विलंब के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से किसी भी पक्ष को लाभ नहीं होगा। साथ ही, इसने 27 बैंकों के कंसोर्टियम को कंपनी की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है।

एफआरएल ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह ऋणदाता वित्तीय संस्थानों को निर्देश दे कि ऋण का भुगतान न किये जाने पर वह एक निश्चित अवधि तक दंडात्मक कार्रवाई न करे।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने ऋणदाता बैंक कंर्सोटियम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी के पुरजोर विरोध का संज्ञान लिया, जिसमें उन्होंने (द्विवेदी ने) कहा था कि ऋण करार के मामले में रिट याचिका नहीं टिकेगी।

द्विवेदी ने कहा, ‘‘27 बैंकों में से 10 निजी बैंक हैं और तीन विदेशी बैंक हैं। हमारे (कंर्सोटियम) के खिलाफ रिट याचिका कैसे सुनवाई योग्य हो सकती है। हमें अमेजन या उनकी मध्यस्थता से कोई लेना-देना नहीं है। हम मध्यस्थता में पक्षकार नहीं हैं। इतना ही नहीं, ऋण अदायगी में विलम्ब एक माह पहले ही हो गया था।’’

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘आपको वास्तविकता के धरातल पर अपना कदम बढ़ाना चाहिए, अन्यथा किसी भी पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा। रिट याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, यह अलग मुद्दा है। यदि यही आपका रुख है तो आप हलफनामा दायर क्यों नहीं करते हैं।’’

कंसोर्टियम ने कहा कि वे ऋण के भुगतान में विलंब के संबंध में व्यापारिक निर्णय लेंगे।

इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार की तारीख मुकर्रर की।

भाषा सुरेश उमा

उमा

 

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