भुवनेश्वर, 31 जुलाई (भाषा) ओडिशा, पुलिस की विशेष इकाई स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओसी) कमांडो को गुरिल्ला लड़ाई का प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वे कठिन कार्यों को कर सके और जंगल में रहकर माओवादियों को उन्हीं की गुरिल्ला रणनीति में मात दे सके। इसके तहत इन कमांडो को पूरे दिन खाली पेट रहने और रात को जगे रहने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने बताया कि ओडिशा में एसओजी की स्थापना वर्ष 2004 में राज्य को विभिन्न माओवादी अभियानों में मदद करने के लिए की गई थी, लेकिन इसने अन्य राज्यों के पुलिस कर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी प्रशिक्षण देने में मदद की। अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के एसओजी ने अब तक विभिन्न राज्यों के कुल 924 जवानों को प्रशिक्षित किया है जिनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 600 जवान भी शामिल हैं।
पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमिताभ ठाकुर ने बताया कि एसओजी ने अब तक पश्चिम बंगाल के 202 जवानों, झारखंड के 40 जवानों को, केरल के पहले बैच के 50 जवानों को, महाराष्ट्र के 32 जवानों को और सीआरपीएफ के 600 जवानों को कमांडो का प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने बताया कि केरल पुलिस ने 33 ‘थंडरबोल्ट’ कमांडो के दूसरे बैच को प्रशिक्षण के लिए भेजा है।
ठाकुर के मुताबिक इस बैच को आठ हफ्ते तक कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें शारीरिक तंदरुस्ती और जंगल की विषम परिस्थितियों में गोलीबारी पर मुख्य ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही कमांडो को मानचित्रों को समझने, हथियार चलाने, वास्तविक परिस्थितियों से निपटने, रणनीति बनाने, विस्फोटक, संचार और प्राथमिक उपचार का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘प्रशिक्षण के बाद प्रत्येक कमांडो एक अज्ञात स्थान से दूसरे अज्ञात स्थान, यहां तक कि रात को भी जा सकता है। वह अचूक निशाना लगा सकता है और आत्मविश्वास से विस्फोटकों का सामना कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि एसओजी में प्रशिक्षित कमांडो पांच दिन तक बिना किसी बाहरी मदद के जंगल में रह सकता है और अपने हथियारों के साथ 100 किलोमीटर तक पैदल सफर कर सकता है।
भाषा धीरज आशीष
आशीष
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