उमर ने देश में ध्रुवीकरण के ‘खतरनाक खेल’ पर चिंता जताई |

उमर ने देश में ध्रुवीकरण के ‘खतरनाक खेल’ पर चिंता जताई

उमर ने देश में ध्रुवीकरण के ‘खतरनाक खेल’ पर चिंता जताई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : May 14, 2022/9:08 pm IST

जम्मू,14 मई (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने देश में ‘‘खेले जा रहे’’ ध्रुवीकरण के ‘‘खतरनाक खेल’’ पर शनिवार को चिंता जताई और दावा किया कि उनकी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने जम्मू कश्मीर के लिए जीवन कुर्बान कर दिया लेकिन इसके बावजूद उनकी पार्टी को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है।

अब्दुल्ला ने पुंछ जिले में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग देश के वर्तमान हालात में जम्मू कश्मीर से बाहर जाने में डर रहे हैं, क्योंकि मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं…..एक खास वर्ग के लोगों की भावनाओं को (दूसरे के खिलाफ) भड़काकर एक खतरनाक खेल खेला जा रहा है।’’

अब्दुल्ला पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर और पूर्व मंत्री मियां अल्ताफ सहित पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों के साथ श्रीनगर से पुंछ पहुंचे और उन्होंने रास्ते में ‘पीर की गली’ मजार पर प्रार्थना की।

अपने संबोधन में उन्होंने अजान, हलाल मीट और हिजाब को लेकर चले विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ कुछ लोगों को मुसलमानों की हर चीज से समस्या है’’ जबकि संविधान सभी धर्मों को समान मानता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ धार्मिक विभेद नहीं होना चाहिए। एक धर्म को दूसरे धर्म के आड़े लाकर भारत को बर्बाद किया जा रहा है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रत्यक्ष तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि वे नेशनल कॉन्फ्रेंस को शक की निगाह से देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें समझ नहीं आ रहा है कि हमारी गलती क्या है। हम देश से जुड़े हैं, अनेक कुर्बानियां दी हैं, हमारे हजारों कार्यकर्ता और नेता मारे गए हैं, मंच पर मौजूद लोग वे हैं जो हमलों में बाल-बाल बचे हैं।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह पड़ोसी मुल्क के साथ मित्रवत संबंध बनाने की बात करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब भाजपा पाकिस्तान से बात करती है तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जब हम बात करने की वकालत करते हैं तो हमें देश विरोधी कहा जाता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के इस बयान का जिक्र किया कि ‘‘दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी बदले नहीं जा सकते।’’

भाषा शोभना नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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