(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव विकास गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को कला संकाय में कुछ बाहरी लोगों ने बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के प्रदर्शन का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस को परिसर में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए बुलाया गया था।
उन्होंने पुलिस द्वारा अनेक छात्रों को हिरासत में लिये जाने के बाद यह बात कही।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि 24 छात्रों को डीयू के कला संकाय से हिरासत में लिया गया और हालात अब सामान्य हो गये हैं।
गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर बने वृत्तचित्र के प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने पर कुछ छात्र प्रदर्शन के लिए कला संकाय के बाहर जमा हुए थे और पुलिस को उन्हें खींचकर ले जाते हुए देखा गया।
गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें पता चला कि कुछ छात्र वृत्तचित्र के प्रदर्शन का प्रयास कर रहे हैं, तो प्रॉक्टर ने पुलिस को सूचित किया। उनमें अनेक बाहरी लोग थे, जिन्होंने फिल्म के प्रदर्शन का प्रयास किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस इलाके में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए आई थी।’’
कलसी ने कहा कि हालात पर निगरानी के लिए पुलिसकर्मी मौके पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वविद्यालय ने बताया था कि परिसर में शांति भंग होने की आशंका है। उन्होंने हमें पत्र लिखा और हालात से निपटने का आग्रह किया। इसलिए हमने परिसर में प्रवेश किया और हालात को काबू में लाया गया।’’
कलसी ने कहा, ‘‘शाम करीब चार बजे लगभग 20 लोग प्रतिबंधित बीबीसी वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए कला संकाय के बाहर पहुंचे। इससे इलाके में शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उनसे वहां से जाने को कहा गया। जब वे नहीं गये तो हमने शांतिपूर्ण तरीके से हिरासत में ले लिया।’’
इससे पहले विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर प्रस्तावित स्क्रीनिंग की जानकारी दी थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्क्रीनिंग नहीं होने देगा और छात्र संगठनों ने इसके लिए अनुमति नहीं मांगी है।
भाषा वैभव माधव
माधव
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