पीएफआई देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को ‘बिगाड़ने’ में संलिप्त थी : अधिकारी |

पीएफआई देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को ‘बिगाड़ने’ में संलिप्त थी : अधिकारी

पीएफआई देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को ‘बिगाड़ने’ में संलिप्त थी : अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : September 28, 2022/7:54 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) देश के सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को ‘‘बिगाड़ने’’ में शामिल था। अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही।

पीएफआई और इसके सदस्यों की गतिविधियों की निगरानी करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, यह संगठन अपनी कट्टरपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाकर भारत में ‘‘इस्लामी प्रभुत्व’’ स्थापित करने की मंशा के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘‘गंभीर खतरा’’ पैदा कर रहा था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पीएफआई हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहा था।

अधिकारियों के मुताबिक, ‘हिट स्क्वॉड’ की तरह एक गुप्त ‘सर्विस टीम’ का गठन किया गया था, जिसका मुख्य कार्य पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना और अपने क्षेत्रों में हिंदूवादी नेताओं की निगरानी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाना था।

उन्होंने आरोप लगाया कि पीएफआई गुप्त रूप से सैन्य अभ्यास जैसे प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करता है, जहां प्रतिभागियों को कुछ धार्मिक समूहों के खिलाफ बल और हिंसा का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और उन्हें इस्लाम के दुश्मन के रूप में पेश किया जाता है।

अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अपने गठन के बाद से ही पीएफआई हिंदू संगठनों और उसके नेताओं के खिलाफ रहा है और पीएफआई के पास एक गुप्त हमलावर दस्ता है, जो हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं और कथित रूप से ईशनिंदा में शामिल लोगों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं में शामिल है।

पीएफआई पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल होने और भारत में मुसलमानों को सताए जाने की कहानी गढ़ने का आरोप है। इसने कथित तौर पर मार्च 2019 से दिसंबर 2020 के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने में अहम भूमिका निभायी थी और इसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली दंगे के मामले में भी संगठन की भूमिका को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की थी। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को कर्नाटक के बेल्लारी शहर में हुई प्रवीण नेट्टारू की हत्या उन मामलों में से एक थी, जिसने पीएफआई के हिंसक चरित्र को उजागर किया। नेट्टारू भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य थे।

भाषा

शफीक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers