नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्र सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की ओर से पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी नये दिशानिर्देशों पर रविवार को अपनी आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा कि ये अस्पष्ट, मनमाने और कठोर निर्देश सरकारी मामलों की आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग को प्रतिबंधित करने के इरादे से जारी किये गये हैं।
इस संगठन ने जारी दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग करते हुए पीआईबी से अपील की है कि वह संशोधित दिशानिर्देश के लिए सभी हितधारकों के साथ ‘सार्थक विमर्श’ करे।
बयान में कहा गया है, ‘‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया भारत के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी किए गए नए केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशानिर्देशों को लेकर गम्भीर रूप से चिंतित है, जो भारत सरकार के मुख्यालय तक पहुंचने और रिपोर्ट करने के लिए पत्रकारों को मान्यता देने के वास्ते नियम निर्धारित करता है।’’
बयान में कहा गया है कि नए दिशानिर्देशों में कई नए प्रावधान शामिल हैं जिनके तहत एक पत्रकार की मान्यता ‘‘मनमाने और बगैर कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाये’’ रद्द की जा सकती है।
बयान में कहा गया है, ‘‘यह बहुत ही विचित्र बात है कि केवल आरोपित होने पर भी मान्यता रद्द करने के नियम का उल्लेख किया गया है।’’ बयान में यह भी कहा गया है, ‘‘यह तो और भी खराब बात है कि संबंधित पत्रकारों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया जाएगा।’’
गिल्ड ने आगे कहा, ‘‘बहुत ही आश्चर्य की बात है कि मान्यता रद्द करने के कारणों में ‘मानहानि’ को भी शामिल किया गया है।’’ गिल्ड ने कहा है कि बहुत सारे प्रावधान ऐसे हैं जो ‘प्रतिबंधात्मक’ हैं।
बयान में कहा गया है कि गिल्ड ने पीआईबी को पत्र लिखकर इन मुद्दों को विस्तारपूर्वक उसमें समाहित किया है।
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