पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया, व्यक्ति अदालत पहुंचा |

पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया, व्यक्ति अदालत पहुंचा

पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया, व्यक्ति अदालत पहुंचा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : September 25, 2021/11:05 pm IST

अहमदाबाद, 25 सितंबर (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय में एक व्यक्ति ने अर्जी देकर दावा किया है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर हाल ही में संशोधित गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। अदालत ने इस अर्जी पर विचार करते हुए प्रशासन से इस संबंध में अतिरिक्त जानकारी मांगी है।

याचिका दायर करने वाले मोहम्मद सैयद ने आरोप लगाया कि आणंद जिला पुलिस ने उनकी तीन महीने पुरानी शिकायत पर अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। सैयद ने शिकायत दी है कि उनकी बेटी का अपहरण कर विवाह के बाद उसका जबरन धर्म परिर्वतन करा कर उसे हिन्दू बना दिया गया है।

न्यायमूर्ति इलेश जे. वोरा ने शुक्रवार को सहायक लोक अभियोजक को निर्देश दिया कि वह आवेदक द्वारा आणंद जिले के पुलिस अधीक्षक को 24 जून, 2021 को दी गई शिकायत के संबंध में पुलिस से निर्देश प्राप्त करे।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर की तारीख तय की है।

आवेदक ने कहा कि उनकी बेटी 16 जून, 2021 को लापता हो गई और बाद में उन्हें पता चला कि एक व्यक्ति ने उसे लालच देकर शादी कर ली है और ‘जबरन उसका धर्म परिवर्तन करा दिया है।’

आवेदक ने राज्य में 15 जून से प्रभावी गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) कानून के तहत खम्भात थाने में आपराधिक शिकायत देकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया।

सैयद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने रोजनामचे में इसकी प्रविष्टि की लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश पुलिस को दे।

भाषा अर्पणा प्रशांत

प्रशांत

 

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