कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज |

कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : May 13, 2022/4:58 pm IST

श्रीनगर, 13 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों द्वारा राहुल भट्ट की हत्या किए जाने की घटना को लेकर विरोध जताते हुए श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहे कश्मीरी पंडितों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी पहले मध्य कश्मीर में बडगाम जिले के शेखपोरा इलाके में एकत्र हुए और इसके बाद उन्होंने हवाई अड्डे की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया।

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों से वहां से जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और आगे बढ़ने की जिद्द की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘‘नाकाम’’ रहने के खिलाफ बृहस्पतिवार से प्रदर्शन कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुस कर राहुल भट को गोली मारी थी। भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी मिली थी।

इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा गया, ताकि वह प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बडगाम नहीं जा पाएं।

मुफ्ती ने कहा, ‘‘अपनी रक्षा करने में भारत सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता जताने के लिए बडगाम जाना चाहती थी। मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया क्योंकि कश्मीरी मुसलमान और पंडित एक-दूसरे के दर्द के प्रति सहानुभूति व्यक्त करें, यह उनकी दुर्भावनापूर्ण सांप्रदायिक कहानी में फिट नहीं बैठता है।’’

बहरहाल, पुलिस ने मुफ्ती के इस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

बाद में एक वीडियो संदेश में मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने और हिंदुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे का सबसे बड़ा शत्रु दिखाने के लिए हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ करने का खेल खेल रही है, जम्मू कश्मीर इकलौता प्रदेश है जहां हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई और बौद्ध एक साथ मिलकर रह रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह जम्मू कश्मीर के सभी लोगों का कर्तव्य है कि वह उन लोगों के साथ खड़े हो, जो हमारे बीच रहते हैं चाहे वह कश्मीरी पंडित हो या सिख भाई।’’

मुफ्ती ने लोगों से जम्मू कश्मीर की भाईचारे और एकता की विरासत को बनाए रखने का भी अनुरोध किया।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक है कि वैध और उचित विरोध’’ के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कश्मीर के लोगों के लिए नयी बात नहीं है क्योंकि जब प्रशासन के पास हथौड़ा है तो हर समस्या कील लगती है। अगर उपराज्यपाल की सरकार कश्मीरी पंडितों की रक्षा नहीं कर सकती तो उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार है।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘पर्यटन सामान्य नहीं है, यह आर्थिक गतिविधियों का बैरोमीटर है। सामान्य स्थिति भय से मुक्त, आतंक से मुक्त, आतंकवादियों को हमला करने न देने, लोकतांत्रिक शासन की मौजूदगी है और किसी भी मानदंड पर कश्मीर आज सामान्य स्थिति से दूर है।’’

उन्होंने पुलवामा में शुक्रवार को की गई एक पुलिसकर्मी की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि घाटी में लक्षित हत्याएं “बेरोकटोक” जारी हैं।

भाषा गोला उमा

उमा

 

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