राष्ट्रपति चुनावः यशवंत सिन्हा को मैदान में उतार ममता बनर्जी के बदले सुर, द्रौपदी मुर्मू की तारीफ में कही ये बात |

राष्ट्रपति चुनावः यशवंत सिन्हा को मैदान में उतार ममता बनर्जी के बदले सुर, द्रौपदी मुर्मू की तारीफ में कही ये बात

Presidential election: उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के जीतने की उम्मीद अधिक है। ममता बनर्जी ने कहा, “अगर बीजेपी किसी अल्पसंख्यक समाज या आदिवासी समाज की महिला को उम्मीदवार बनाने के लिए योजना बना रही थी, उन्हें भी ऐसा ही सोचना चाहिए था।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : July 3, 2022/11:21 pm IST

Presidential election:नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। भाजपा नीत एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं विपक्ष की ओर से संयुक्त रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के लिए कई बैठकें की थीं। लेकिन अब ममता बनर्जी के सुर बदले बदले नजर आ रहे हैं और वह भी मान रहीं हैं कि एनडीए संख्या बल के हिसाब से काफी मजबूत स्थिति में है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिन कोलकाता में कहा कि अगर बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के नाम की चर्चा उनके साथ की होती, तो वह विचार करतीं। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के जीतने की उम्मीद अधिक है। ममता बनर्जी ने कहा, “अगर बीजेपी किसी अल्पसंख्यक समाज या आदिवासी समाज की महिला को उम्मीदवार बनाने के लिए योजना बना रही थी, उन्हें भी ऐसा ही सोचना चाहिए था। आदिवासी समाज की महिलाओं के लिए हमारे मन में काफी सम्मान है। हालांकि विपक्षी दल जो निर्णय लेंगे, हम उसी के साथ रहेंगे।”

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Presidential election: बंगाल में आदिवासी समाज के वोटों की संख्या काफी अधिक और ममता बनर्जी को भी एहसास है कि अगर कहीं आदिवासी समाज उनसे छिटकता है, तो फिर उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान हो सकता है।

“हल दिवस” ​​के अवसर पर ममता बनर्जी के कट्टर भाजपा प्रतिद्वंद्वी और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य के जंगलमहल क्षेत्र में कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस क्षेत्र में काफी अधिक संख्या में आदिवासी समाज रहता है। द्रौपदी मुर्मू के भारत के राष्ट्रपति बनने वाले पहले आदिवासी बनने के साथ सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “नरेंद्र मोदी की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हैं , जबकि ममता बनर्जी की उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं।” उन्होंने कहा कि वह द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद उनसे जंगलमहल का दौरा करने के लिए अनुरोध करेंगे।

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बंगाल में जनजातीय मतदाता कुल मतदाताओं का 7-8% है। जंगलमहल क्षेत्र के चार संसदीय क्षेत्र बांकुरा, पुरुलिया, झारग्राम और पश्चिम मिदनापुर जिले शामिल हैं। उत्तर बंगाल के जिले जैसे दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, उत्तर और दक्षिण दिनाजपीर और मालदा में आदिवासी मतदाताओं की संख्या लगभग 25% है।

2019 के लोकसभा चुनावों में जब भाजपा ने टीएमसी की 22 सीटों के मुकाबले 18 सीटें जीतीं, तब बीजेपी ने जंगलमहल की सभी सीटों और उत्तर बंगाल की छह सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनावों में, जिसमें टीएमसी ने भारी जीत हासिल की, उसमें जंगलमहल जिलों में टीएमसी ने बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया।

 
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