पंजाब के राज्यपाल बजट सत्र आहूत करने को लेकर जल्दी में नहीं, मान के जवाब को बताया 'अपमानजनक' |

पंजाब के राज्यपाल बजट सत्र आहूत करने को लेकर जल्दी में नहीं, मान के जवाब को बताया ‘अपमानजनक’

पंजाब के राज्यपाल बजट सत्र आहूत करने को लेकर जल्दी में नहीं, मान के जवाब को बताया 'अपमानजनक'

:   Modified Date:  February 23, 2023 / 10:07 PM IST, Published Date : February 23, 2023/10:07 pm IST

चंडीगढ़, 23 फरवरी (भाषा) पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच विवाद बृहस्पतिवार को उस वक्त और बढ़ गया जब पुरोहित ने संकेत दिये कि उन्हें विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की कोई जल्दी नहीं है। इसके साथ ही पुरोहित ने राजभवन के एक पत्र पर की गई ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी की मुख्यमंत्री को याद दिलाई।

हाल ही में पंजाब कैबिनेट ने तीन मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया था और राज्यपाल से सदन को आहूत करने का आग्रह किया था। इसके दो दिन बाद राज्यपाल का यह पत्र मान के पास आया है।

पुरोहित ने अपने ताजा पत्र में कहा है कि पहले के उनके पत्र में उठाए गए मसलों पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया पर कानूनी सलाह लेने के बाद ही वह बजट सत्र आहूत करने के बारे में फैसला करेंगे ।

पंजाब के राज्यपाल ने 13 फरवरी को पत्र लिखकर मान से हाल ही में सिंगापुर में आयोजित एक प्रशिक्षण संगोष्ठी के लिए 36 सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के चयन की प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए कहा था, इसके साथ ही उन्होंने अन्य मसलों को भी उठाया था।

मान ने इसके उत्तर में कहा था कि वह केवल तीन करोड़ पंजाबियों को उत्तर देने के लिए बाध्य हैं, न कि केंद्र की ओर से नियुक्त किये गये राज्यपाल को। इसके साथ ही मान ने राज्यपाल की नियुक्ति के मानदंड पर भी सवाल उठाया था।

पुरोहित ने मान के जवाब को न केवल ‘‘स्पष्ट रूप से असंवैधानिक, बल्कि बेहद अपमानजनक भी’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि वह कानूनी सलाह लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं ।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘चूंकि आपका ट्वीट और पत्र दोनों न केवल स्पष्ट रूप से असंवैधानिक हैं, बल्कि बेहद अपमानजनक भी है, इसलिए मैं इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने के लिए मजबूर हूं। कानूनी सलाह लेने के बाद ही मैं आपके अनुरोध पर फैसला लूंगा।’’

पुरोहित ने 13 फरवरी को एक प्रशिक्षण संगोष्ठी में विदेश यात्रा के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापकों के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें मामले में ‘‘गड़बड़ी एवं अनुचित तरीका अपनाये जाने’’ की शिकायतें मिली हैं।

उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की ‘अवैध’ नियुक्ति और कथित रूप से कदाचार के आरोप में हटाए गए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी की पदोन्नति समेत अन्य मुद्दों को भी उठाया था।

उन्होंने यह भी दावा किया कि मान ने पहले भी उनके पत्रों का ‘‘जवाब देने की कभी परवाह नहीं की।’’

पुरोहित ने कहा कि वह संवैधानिक तौर पर राजभवन की ओर से मांगी गयी किसी भी जानकारी पर जवाब देने के लिये बाध्य हैं ।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से एक पखवाड़े के भीतर उनके पत्र का जवाब देने को कहा था और इसमें विफल रहने पर वह आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह लेने की बात कही थी।

भाषा रंजन पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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