क्लिनिकल जांच के तहत नयी दवाओं, टीकों के निर्माण, भंडारण के लाइसेंस की सिफारिश |

क्लिनिकल जांच के तहत नयी दवाओं, टीकों के निर्माण, भंडारण के लाइसेंस की सिफारिश

क्लिनिकल जांच के तहत नयी दवाओं, टीकों के निर्माण, भंडारण के लाइसेंस की सिफारिश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : February 10, 2022/8:56 pm IST

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) दवाओं पर सरकार के शीर्ष सलाहकार निकाय, डीटीएबी ने हाल ही में ‘‘नई दवाओं और नैदानिक ​​परीक्षण नियमावली, 2019’’ के प्रावधानों में संशोधन की डीसीजीआई से सिफारिश की है, ताकि क्लिनिकल जांच ​​के तहत नई दवाओं और टीकों के लिए निर्माण और भंडारण का लाइसेंस दिया जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने कहा कि ऐसी दवाओं का विपणन, बिक्री और वितरण क्लिनिकल परीक्षण के परिणामों को मंजूरी दिये जाने के बाद ही किया जाना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि सिफारिशों के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मसौदा प्रस्ताव भेजा है।

आधिकारिक सूत्र ने बताया, मसौदा अधिसूचना तैयार की गयी है और मंत्रालय को भेज दी गयी है।

सूत्र ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को दवा नियामक प्रणाली में सुधार के लिए पत्र लिखा था।

दवा उद्योग से जुडे विशेषज्ञों की राय है कि अगर सरकार डीटीएबी और डीसीजीआई की सिफारिश को मंजूरी देती है, तो यह जनहित में दवा नियमों में क्रांतिकारी बदलाव होगा।

यह नया प्रावधान निर्माता के बाजार में टीकों के उत्पादन और लॉन्च के लिए पर्याप्त समय बचाएगा और भारत को दुनिया का फार्मास्युटिकल हब बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बढ़ावा देगा।

भाषा

सुरेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)