नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने एक बेहतर जल प्रबंधन प्रणाली विकसित की है जिसके जरिए वस्त्र उद्योग के अपशिष्ट जल का पूरी तरह से पुन:उपयोग किया जा सकेगा, उसकी विषाक्तता खत्म की जा सकेगी और उसे घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विभाग ने कहा कि इससे जल शोधन पर आने वाली लागत में कमी आ सकती है और शुष्क क्षेत्रों में जल की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में अपशिष्ट जल की त्रिस्तरीय शोधन प्रक्रिया विषाक्त औद्योगिक जल का शोधन करने में कारगर नहीं है।
विभाग ने कहा कि औद्योगिक अपशिष्ट जल में रंगों और गंध को दूर करने के लिए ‘एडवांस्ड ऑक्सीडेशन प्रोसेस’ (एओपी) शोधन तकनीक स्थापित सरकारी मानकों को पूरा करने में अपर्याप्त हो सकती है। यह औद्योगिक अपशिष्ट जल में घुले रंग और गंध को तथा इसके दीर्घकालिक कैंसरकारी एवं विषाक्त प्रभाव को नहीं हटा सकती है।
विभाग ने कहा कि इस विषाक्ता को खत्म करने के लिए एओपी प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत समाधान वक्त की दरकार है।
इस दिशा में काम करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,जयपुर और एमबीएम कॉलेज, जोधपुर के साथ एक उन्नत एओपी प्रणाली विकसित की है।
भाषा
सुभाष नरेश
नरेश
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