नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि सामान्यीकरण का दौर समाप्त हो गया है और नागरिक केंद्रित सेवा वितरण तंत्र प्रदान करने के लिए एक भूमिका विशिष्ट प्रशिक्षण मापदंड की आवश्यकता है, जो सभी शासन प्रारूप का मूल है।
उन्होंने केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) के लिए शासन में एकीकृत प्रशिक्षण मॉड्यूल (मापदंड) की वकालत करने के अलावा प्रशिक्षण मॉड्यूल में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।
कार्मिक राज्य मंत्री एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे जिसमें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) और सीबीआई अकादमी जैसे केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, सिंह ने कहा कि सामान्यीकरण का युग समाप्त हो गया है और नागरिक केंद्रित वितरण तंत्र प्रदान करने के लिए एक भूमिका विशिष्ट मॉड्यूल और समिति की आवश्यकता है, जो सभी शासन मॉडल का मूल है।
मंत्री ने सभी सीटीआई को संकाय सदस्यों की कमी के मुद्दों को देखने का आश्वासन दिया और साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी।
भाषा
प्रशांत उमा
उमा
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