उच्चतम न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल के होने के बाद जमानत के लिए दिशानिर्देश का किया समर्थन |

उच्चतम न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल के होने के बाद जमानत के लिए दिशानिर्देश का किया समर्थन

उच्चतम न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल के होने के बाद जमानत के लिए दिशानिर्देश का किया समर्थन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : September 14, 2021/10:33 pm IST

नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मामलों में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद नियमित जमानत के लिए दिशानिर्देश बनाने का मंगलवार को समर्थन किया और इस संबंध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से सुझाव देने को कहा।

शीर्ष अदालत एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसे भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया और सीबीआई ने उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा, ‘‘अदालत में किए गए निवेदन को देखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि कुछ दिशा-निर्देश तय किये जाएं ताकि अदालतों का बेहतर मार्गदर्शन हो सके और आरोप पत्र दाखिल होने के बाद जमानत के पहलू पर उन्हें परेशान नहीं होना पड़ा।’’

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह एक आरोपी सतेंदर कुमार अंतिल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के साथ विचार विमर्श के बाद दिशनिर्देश पर सुझाव जमा करेंगे।

शीर्ष अदालत ने सीबीआई के वकील द्वारा विरोध नहीं करने पर 28 जुलाई को अग्रिम जमानत देने वाले अंतरिम निर्देश को पूर्ण रूप दे दिया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को सूचीबद्ध करने के साथ मौजूदा प्रक्रिया में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार दिया। पीठ ने कहा कि अदालत कुछ कानूनी सिद्धांत स्थापित कर रही है और प्रशंसा करेगी अगर हस्तक्षेप करने वाले मुद्दे पर अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल को सुझाव दें।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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