निर्बाध समुद्री संपर्क भारत के विकास के लिए प्राथमिक जरूरतों में से एक: रक्षा मंत्री |

निर्बाध समुद्री संपर्क भारत के विकास के लिए प्राथमिक जरूरतों में से एक: रक्षा मंत्री

निर्बाध समुद्री संपर्क भारत के विकास के लिए प्राथमिक जरूरतों में से एक: रक्षा मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : October 9, 2021/1:00 pm IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत विकास के रास्ते पर अग्रसर है और इसके लिये निर्बाध समुद्री पहुंच देश की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक है क्योंकि देश की समृद्धि काफी हद तक इसके समुद्रों से जुड़ी हुई है ।

भारतीय तट रक्षक बल के अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा, ‘‘ लंबे समय से समुद्रों के साथ हमारा गहरा संबंध रहा है…हमारा व्यापार, अर्थव्यवस्था, त्योहार और संस्कृति काफी हद तक समुद्र के साथ बेहद करीब से जुड़े हैं। हालांकि, समुद्र से संबंधित उल्लेखनीय चुनौतियों का भी हमने सामना किया है।’’

मंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों ने यह सिखाया है कि समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित किए बना व्यापक आंतरिक और बाहरी सुरक्षा ढांचा तैयार करना असंभव है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के समुद्री क्षेत्रों को सुरक्षित और प्रूदषण मुक्त रखने से हमारी सुरक्षा जरूरतों के अलावा पर्यावरणीय स्वास्थ्य और व्यापार का विकास विकास सुनिश्चित होता है। मुझे यह कहते हुए वास्तव में खुशी हो रही है कि आईसीजी इन सभी चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपट रहा है।’’

सिंह ने कहा कि भारत बहुत तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और निर्बाध समुद्री पहुंच प्राथमिक जरूरतों में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी समृद्धि काफी हद तक हमारे समुद्रों से जुड़ी है क्योंकि हम आने वाले समय में समुद्री शक्ति हैं। इसलिए न केवल हमारी बल्कि इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा और विकास हमारी मुख्य प्राथमिकता है।’’

भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुसार, आईसीजी क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति बनाए रखने और अंतरराष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के साथ काम करने के मामले में सबसे आगे रहा है।

उन्होंने आईसीजी की तारीफ करते हुए कहा कि चाहे बड़े कच्चे मालवाहक जहाज न्यू डायमंड या एक्स-प्रेस पर्ल से संबंधित हादसे हों, आईसीजी ने सागर आरक्षा-1 और 2 अभियान चलाकर आग बुझाने और प्रदूषण से निपटने में योगदान दिया।

भाषा स्नेहा रंजन

रंजन

 

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