जम्मू, 23 अक्टूबर (भाषा) ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) के प्रमुख एम. एस. बिट्टा ने शनिवार को कहा कि आतंकवादियों द्वारा चुन-चुनकर हत्या करना 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के शांत माहौल को लेकर पाकिस्तान की निराशा को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है कि कश्मीर के नेता पंजाब से सबक सीखें और केंद्र शासित प्रदेश से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के सरकार के प्रयासों का पूरे दिल से समर्थन करें।
बिट्टा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘2019 में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में ज्यादा कुछ नहीं हुआ जो उन लोगों को गलत साबित करता है जो दावा करते हैं कि क्षेत्र में अशांति भड़क जाएगी… पाकिस्तान और उसकी आईएसआई निराश हो गए और निर्दोष एवं नि:शस्त्र नागरिकों को निशाना बनाने का षड्यंत्र रचा।’’
कश्मीर घाटी में इस महीने दो शिक्षकों, एक दवा दुकानदार और पांच मजदूरों सहित 11 नागरिकों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेताओं को ‘‘पंजाब और आतंकवाद की चुनौतियों से सबक सीखने की जरूरत है।’’
बिट्टा ने कहा कि वर्तमान सरकार कमजोर नहीं है और आतंकवादियों से निपटने के लिए उसने सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है।
भाषा नीरज नीरज पवनेश
पवनेश
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