नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसने ‘टीके और जैविक अनुसंधान केंद्र’ स्थापित करने के लिए इस महीने की शुरुआत में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह आरएंडडी (अनुसंधान एवं विकास) केंद्र नये टीके, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के विकास एवं टीकाकरण के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगा। यह संस्था भविष्य की महामारियों और संक्रामक रोगों के खिलाफ स्वास्थ्य समानता में सुधार की दिशा में काम करेगी।
सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदर पूनावाला ने एक बयान में कहा, ‘‘अनुसंधान केंद्र वैश्विक भागीदारों के सहयोग से टीकों और जीवविज्ञान के क्षेत्र में किसी भी भविष्य की तकनीक और परियोजनाओं के विकास के लिए स्वदेशी क्षमताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ हेल्थ साइंसेज के डीन राजीव येरवडेकर ने कहा कि इस पहल से न केवल भविष्य के नवाचारों में मदद मिलेगी, बल्कि निम्न एवं मध्य आय वाले देशों (एलएमआईसी) की विशिष्ट बीमारियों की जरूरतों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सर्वोत्तम उपलब्ध प्रतिभा प्राप्त करने और उन्हें नवीनतम तकनीक से लैस करने के लिए तत्पर हैं। इस केंद्र पर अगले 5-7 वर्षों में वैज्ञानिकों की एक बेहतरीन टीम होगी, जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य ढांचा निर्माण में अग्रणी होगी।’’
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविड-19 टीका उत्पादन के मामले में 50 करोड़ से अधिक खुराक का निर्माण करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
भाषा
सुरेश नरेश
नरेश
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