एसजीपीसी ने हरियाणा के कानून पर शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 30 सितंबर को बैठक बुलाई |

एसजीपीसी ने हरियाणा के कानून पर शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 30 सितंबर को बैठक बुलाई

एसजीपीसी ने हरियाणा के कानून पर शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 30 सितंबर को बैठक बुलाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : September 23, 2022/9:04 pm IST

अमृतसर, 23 सितंबर (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने 30 सितंबर को अपने सदस्यों की एक विशेष बैठक बुलाई है। इस बैठक में हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के गुरुद्वारों के मामलों के प्रबंधन के लिए बनाए गए 2014 के एक कानून की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के मद्देनजर भविष्य के कदम पर चर्चा की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने गत मंगलवार को हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था, जिसके तहत राज्य में गुरुद्वारों के मामलों के प्रबंधन के लिए एक अलग समिति का गठन किया गया था।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था एसजीपीसी ने कहा है कि वह शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। इसने हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 की वैधता को बरकरार रखने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी खारिज कर दिया है।

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एसजीपीसी ने कहा कि उसकी कार्यकारी समिति की आपात बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। चंडीगढ़ में हुई बैठक की अध्यक्षता एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने की।

प्रस्ताव में दावा किया गया है कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के लागू रहते हरियाणा सरकार द्वारा अधिनियमित कानून एसजीपीसी के अधिकार क्षेत्र को प्रभावित नहीं कर सकता।

धामी ने कहा कि एसजीपीसी कार्यकारी समिति ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है और भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए 30 सितंबर को सभी सदस्यों की एक विशेष बैठक अमृतसर में बुलाई गई है।

उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन का अधिकार केवल केंद्र के पास है और वह भी एसजीपीसी के ‘जनरल हाउस’ के अनुमोदन से ही संभव है।

धामी ने कहा, ‘‘राज्य सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के अधिकार क्षेत्र को कम नहीं कर सकते। समय-समय पर, सरकारों ने सिख शक्ति को कमजोर करने और एसजीपीसी के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए रणनीति अपनाई है, लेकिन वे पंथ की एकता के सामने कभी टिक नहीं पाए।’’

हरियाणा में 52 गुरुद्वारे हैं। इनमें से पांच का प्रबंधन एचएसजीपीसी द्वारा किया जाता है जबकि शेष एसजीपीसी के अधीन हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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