अनुभवों को साझा करना, संवाद में शामिल होना भारतीय लोकतंत्र की ताकत है: ओम बिरला |

अनुभवों को साझा करना, संवाद में शामिल होना भारतीय लोकतंत्र की ताकत है: ओम बिरला

अनुभवों को साझा करना, संवाद में शामिल होना भारतीय लोकतंत्र की ताकत है: ओम बिरला

:   Modified Date:  January 5, 2024 / 08:52 PM IST, Published Date : January 5, 2024/8:52 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि अनुभव साझा करना और संवाद में शामिल होना भारतीय लोकतंत्र की ताकत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को शामिल करने से यह और मजबूत हुआ है।

बिरला ने संसद के केंद्रीय कक्ष में ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों की लगभग 500 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए चोल राजवंश के समय से ही लोकतांत्रिक प्रथाओं के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अपने अनुभवों को साझा करना, चर्चा करना और संवाद में शामिल होना हमारे लोकतंत्र की ताकत है और इसीलिए भारत का लोकतंत्र भी ऐतिहासिक है। हमारा लोकतंत्र सिर्फ आजादी के बाद का नहीं है, इसका इतिहास बहुत प्राचीन है और इसकी विरासत समृद्ध है।’’

बिरला ने कहा कि लोकतंत्र हमेशा भारतीय विचारों, प्रभावशीलता और संस्कृति में समाहित रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘‘जैसा कि हम आजादी की 75 साल की यात्रा का जश्न मना रहे हैं, हमने लोकतंत्र को मजबूत किया है, सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की है, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है और समाज के अंतिम छोर तक के व्यक्ति को शामिल किया है।’’

इस मौके पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं एक मां, पत्नी या बहन नहीं हूं, तो क्या इसका मतलब यह है कि मैं एक महिला नहीं हूं? क्या मैं समान ताकत के साथ काम नहीं कर सकती? मेरी पहचान मेरे नाम पर आधारित होनी चाहिए, न कि एक पत्नी या मां के रूप में मेरे रिश्तों के आधार पर।’’

उन्होंने राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में एक कदम होगा।

भाषा देवेंद्र माधव

माधव

 

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