सिद्धरमैया ने लोस चुनाव के बाद कर्नाटक में सरकार गिरने की शिंदे का बयान खारिज किया |

सिद्धरमैया ने लोस चुनाव के बाद कर्नाटक में सरकार गिरने की शिंदे का बयान खारिज किया

सिद्धरमैया ने लोस चुनाव के बाद कर्नाटक में सरकार गिरने की शिंदे का बयान खारिज किया

:   Modified Date:  May 13, 2024 / 06:54 PM IST, Published Date : May 13, 2024/6:54 pm IST

बेंगलुरु, 13 मई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए ‘महाराष्ट्र मॉडल’ दोहराने के प्रयासों के संबंध में महाराष्ट्र के अपने समकक्ष के कथित बयानों को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे ‘भ्रम’ में हैं और ‘दिवास्वप्न’ देख रहे हैं। सिद्धरमैया ने दावा किया कि उनका कोई भी विधायक ‘बिकने को तैयार नहीं है’।

वहीं, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार संख्या बल खो देगी और इसके अस्तित्व में बने रहने को लेकर संदेह है।

महाराष्ट्र के सतारा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा था कि कर्नाटक के उनके हालिया दौरे के दौरान ‘ऑपरेशन नाथ (एकनाथ)’ के बारे में चर्चा हुई थी। उनका इशारा परोक्ष तौर पर महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिराने और इसे लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में दोहराने की ओर था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्य में इस तरह की कवायद के लिए उनका अनुभव काम आ सकता है।

वर्ष 2022 में शिवसेना में टूट के बाद महा विकास आघाडी गठबंधन सरकार गिर गई थी, जिसमें शिंदे के नेतृत्व में विधायक पार्टी से अलग हो गए थे और भाजपा से हाथ मिला लिया था।

सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (शिंदे) भ्रम में हैं, वह दिवास्वप्न देख रहे हैं। वे कर्नाटक में हमारी सरकार को ‘ऑपरेशन कमल’ के माध्यम से (गिराने में) किसी भी कीमत पर सक्षम नहीं होंगे, जैसा कि उन्होंने महाराष्ट्र में किया था, क्योंकि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) इस बार संसदीय चुनाव में हारने जा रहा है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनाव के बाद इस तरह के प्रयास की आशंका है, उन्होंने कहा, ‘‘वे ऐसे प्रयास करने के बाद विफल हो गए हैं, वे एक बार फिर ऐसा प्रयास क्यों करेंगे? वे पिछले एक साल से ऐसे प्रयास कर रहे हैं और विफल हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जानकारी के अनुसार, हमारा कोई भी विधायक बिकने को तैयार नहीं है। यहां महाराष्ट्र जैसा बदलाव होने की कोई संभावना नहीं है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव जीतेगा और सत्ता में आएगा और कर्नाटक में पार्टी लोकसभा की कुल 28 सीट में से कम से कम 20 सीट जीतेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा) एहसास हो गया है कि वे संसदीय चुनावों में हार जाएंगे और इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्हें चुनावों में जीत का भरोसा नहीं है, यहां तक कि नरेन्द्र मोदी (प्रधानमंत्री) को भी भरोसा नहीं है और इसलिए वह जो कुछ भी उसके मुंह में आता है, बोल रहे हैं।’’

शिवकुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के बचे रहने को लेकर संदेह है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने उद्धव ठाकरे (शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख) के बारे में क्यों बोला, क्योंकि उद्धव ठाकरे के पास ताकत है… मैं यह रिकॉर्ड पर कह रहा हूं कि इस लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र सरकार के पास ताकत (संख्या बल) नहीं रहेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘असली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सभी विधायक वापस जाएंगे और असली शिवसेना और राकांपा की वापसी होगी और दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ आएंगी और एक बार फिर हमारी सरकार होगी। इसलिए वे डरे हुए हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या ‘शिंदे मॉडल ऑपरेशन’ को यहां दोहराने के लिए कर्नाटक कांग्रेस में शिंदे जैसा कोई नेता है, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘उनके पास ऐसे लोग हो सकते हैं, हमारी तरफ यहां ऐसा कोई नहीं हैं…।’’

शिंदे के बयान का इसलिए महत्व है क्योंकि राज्य में भाजपा और जद (एस) नेता कई बार लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार गिरने का पूर्वानुमान जता चुके हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद या मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल के मध्य में राज्य में सत्तारूढ़ दल में नेतृत्व परिवर्तन की लगातार अफवाहों के बीच, दोनों विपक्षी दलों के नेता कांग्रेस के भीतर संभावित सत्ता संघर्ष का संकेत देते रहे हैं।

पिछले साल मई में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और कांग्रेस शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया।

उस समय ऐसी खबरें थीं कि ‘‘बारी बारी से मुख्यमंत्री फॉर्मूले’’ के आधार पर एक सहमति बनी है, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा कभी छुपायी नहीं है, जबकि सिद्धरमैया ने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से समर्थन मांगा था ताकि कांग्रेस राज्य में अधिक से अधिक सीट जीत सके, जिससे उनकी स्थिति मजबूत हो।

भाषा अमित धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)