विधानसभा सत्र के दौरान 'कुंदा' की मांग के चलते मिठाइयां बनाने वाले कर रहे हैं ओवरटाइम |

विधानसभा सत्र के दौरान ‘कुंदा’ की मांग के चलते मिठाइयां बनाने वाले कर रहे हैं ओवरटाइम

विधानसभा सत्र के दौरान 'कुंदा' की मांग के चलते मिठाइयां बनाने वाले कर रहे हैं ओवरटाइम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : December 12, 2021/9:16 pm IST

बेलगावी (कर्नाटक), 12 दिसंबर (भाषा) यहां के दूध आपूर्तिकर्ता और मिठाइयां बनाने वाले ‘कुंदा’ की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद में पिछले कुछ दिनों से समय से ज्यादा काम कर रहे हैं। यह मिठाई महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिला मुख्यालय शहर बेलगावी की विशेषता है।

यहां के कुंदा मिठाई निर्माताओं के मुताबिक सोमवार से 10 दिवसीय विधानसभा सत्र के शुरू होने के साथ ही, अपने स्वादिष्ट पकवानों के लिए ‘कुंदा नगरी’ के तौर पर प्रसिद्ध बेलगावी में इस अवधि के दौरान 20 टन कुंदा की भारी मांग की उम्मीद कर रहे हैं।

कैंप पुरोहित स्वीट्स के उदय भोसले ने पीटीआई-भाषा को बताया, “यह सच है कि ज्यादा मांग को ध्यान में रखते हुए विधानसभा सत्र के दौरान निर्माता लगभग 20 टन कुंदा का उत्पादन करते हैं।” उनके मुताबिक यह मिठाई ‘खोवा’ से बनती है।

कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के कारण दो साल के अंतराल के बाद, शहर में सोमवार से 10 दिवसीय विधायिका सत्र हो रहा है।

भोसले ने बताया कि मांग बढ़ने के मद्देनजर दूध आपूर्तिकर्ताओं को पहले से ही आपूर्ति बढ़ाने के लिए कह दिया गया है।

कस्बे के एक कुंदा-विक्रेता रवींद्र जोशी ने कहा कि उन्होंने सत्र के दौरान निर्माताओं को पड़ोसी जिलों से मांग को पूरा करने के लिए दूध मंगवाते देखा है।

कुंदा बनाने की कवायद सत्र से कम से कम तीन दिन पहले शुरू हो जाती है क्योंकि अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति पूरी तरह से व्यवस्था करने के लिए शहर का दौरा करना शुरू कर देते हैं।

बेलगावी जिले के एक अन्य शहर गोकक में बने ‘करदंत’ की मांग में भी भारी वृद्धि देखी जाती है। ‘कर्दंत’ नारियल, सूखे मेवे और खाने योग्य गोंद से बनी एक ‘बर्फी’ है।

भाषा

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नेहा नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)