(अंजलि ओझा)
लेह, 15 मई (भाषा) लेह स्थित प्रमुख इस्लामी संगठन अंजुमन इमामिया के अध्यक्ष अशरफ अली बारचा ने कहा है कि लद्दाख में मतदाताओं के ध्रुवीकरण का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लोग राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे।
अशरफ अली बारचा ने कहा कि लद्दाख के लोगों का चार सूत्री एजेंडा केंद्र शासित प्रदेश में 20 मई को होने वाले मतदान के मद्देनजर हावी रहेगा, जिसमें लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग और लेह व करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग भी शामिल हैं।
संविधान की छठी अनुसूची स्थानीय लोगों के लिए भूमि और नौकरी की गारंटी देती है।
बारचा लेह के शीर्ष निकाय के भी सदस्य हैं, जो करगिल लोकतांत्रिक गठबंधन के साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत है। ये संगठन इन मुद्दों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ हुए विचार-विमर्श का हिस्सा रहे हैं।
लद्दाख की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के सेरिंग नामग्याल और भाजपा के ताशी ग्यालसन और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हाजी हनीफा जान मैदान में हैं।
नामग्याल और ग्यालसन लेह के रहने वाले हैं जबकि हनीफा करगिल के निवासी हैं।
जहां लेह बौद्ध बहुल जिला है, वहीं करगिल में शिया मुसलमानों की आबादी बहुसंख्यक है।
बारचा ने दावा किया कि ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उन्होंने किसी पार्टी या व्यक्ति का नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक दल स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन लोग देख रहे हैं कि हमारा मुद्दा कौन उठा रहा है।’’
बारचा ने कहा, ‘‘लेह के लोग करगिल के लिए वोट कर सकते हैं और करगिल के लोग लेह के लिए वोट कर सकते हैं। कुछ पार्टियां ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि लोग इसे तवज्जो देंगे। लोग अपने मुद्दों से नहीं भटकेंगे।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश
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