शिमला, 27 मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने बुधवार को कहा कि चुनावों में टिकटों के आवंटन के दौरान नेताओं की नाराजगी सामान्य बात है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले और 23 मार्च को पार्टी में शामिल होने वाले कांग्रेस के छह बागियों को पार्टी आलाकमान द्वारा टिकट दिए जाने के बाद भाजपा में बगावत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कई कार्यकर्ताओं और नेताओं से बातचीत की है।
ठाकुर ने कुल्लू में संवाददाताओं से कहा कि चुनाव के समय लोग नाराज हो जाते हैं और बातचीत जारी है। उन्होंने दावा किया कि मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना पक्ष उन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं और उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कह रहे हैं।’’
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री तथा लाहौल एवं स्पीति विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के नेता राम लाल मरकंडा ने कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर को मैदान में उतारे जाने के विरोध में मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ने त्यागपत्र दे दिया था।
भाजपा ने मंगलवार को लाहौल और स्पीति से कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंदर दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंदर कुमार भुट्टो को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा की लाहौल और स्पीति इकाई के सभी पदाधिकारियों ने भी पार्टी के फैसले के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था और मरकंडा को समर्थन देने का वादा करते हुए कहा कि वे विधानसभा उपचुनाव में उनका समर्थन करेंगे।
मरकंडा जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान कृषि और जनजातीय विकास मंत्री थे।
उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘मैंने आज अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ दी है और निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।’’
हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव एक जून को राज्य की चार लोकसभा सीट हमीरपुर, शिमला, मंडी और कांगड़ा के चुनाव के साथ कराया जायेगा।
भाजपा नेता एवं पूर्व ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी पार्टी द्वारा उनकी जगह कांग्रेस के बागी देविंदर कुमार भुट्टो को टिकट दिये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा है कि इस फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी हर चीज से ऊपर है लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग निराश हैं और चाहते हैं कि क्षेत्र में नए सिरे से सर्वेक्षण कराकर पार्टी के फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए। भुट्टो ने पिछले 15 महीनों में एक तानाशाह की तरह काम किया है और उन्होंने लोगों का भरोसा खो दिया है।’’
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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