नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा से मुलाकात की और वाईएसआर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की। तेदेपा ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में ‘‘अराजकता को बढ़ावा दे रही है और उसके शासन में राज्य प्रायोजित आंतक बढ़ रहा है।’’
तेदेपा की यह मांग कुछ दिन पहले वाईएसआर कांग्रेस द्वारा इसी तरह की मांग किए जाने के बाद आई है। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने विपक्षी तेदेपा पर आरोप लगाया था कि उसके नेता मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने गए तेदेपा के प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस लोगों का ध्यान भटकाने के लिए जाति और धर्म के नाम पर द्वेष को बढ़ावा दे रही है और विधायकों और कार्यपालिका के निकायों को नियंत्रित करने के लिए कई कानूनों का उल्लंघन कर रही है।
तेदेपा के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी उपाध्यक्ष निम्मला किस्तप्पा ने किया और इसमें राज्यसभा सदस्य कनकमेडाला रविंद्र कुमार और लोकसभा सदस्य केसीनेनी श्रीनिवास शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी होने के नाते तेदेपा पूरे राज्य की ओर से सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस की अवैध, असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और आतंकित करने वाले कृत्य के प्रति आपके समक्ष चिंता प्रकट कर रही है।’’
तेदेपा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी की कार्यप्रणाली और गतिविधियां जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम-1951 का प्रत्यक्ष उल्लंघन हैं।
भाषा धीरज नीरज
नीरज
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