अदालत ने समग्र व समन्वित स्वास्थ्य प्रणाली अपनाने पर केंद्र का रुख जानना चाहा |

अदालत ने समग्र व समन्वित स्वास्थ्य प्रणाली अपनाने पर केंद्र का रुख जानना चाहा

अदालत ने समग्र व समन्वित स्वास्थ्य प्रणाली अपनाने पर केंद्र का रुख जानना चाहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : April 27, 2022/4:38 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एलोपैथी, आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी आदि उपचार की विभिन्न औपनिवेशिक एवं अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों के बजाय मेडिकल शिक्षा और ‘प्रैक्टिस’ की एक समग्र भारतीय समन्वित प्रणाली अपनाने पर बुधवार को केंद्र का रुख जानना चाहा।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला ने केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से इस सिलसिले में दायर जनहित याचिका में किये गये अनुरोधों की पड़ताल करने का अनुरोध किया तथा आठ हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गये विषय को नीतिगत मुद्दा बताते हुए कहा कि वह सरकार से याचिका को एक प्रतिवेदन के तौर पर लेने को कहेगी।

याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि यह विषय नीतिगत नहीं, बल्कि संविधान से संबद्ध है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया है कि चिकित्सा क्षेत्र में एक समग्र रुख अपनाया जाना चाहिए, जिसमें शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रैक्टिस और नीतियों व नियमन के स्तर पर आधुनिक और पारंपरिक औषधि का संयोजन हो, वह संविधान के अनुच्छेद 21,39(ई),41,43,47,48(ए)51ए के तहत प्रदत्त स्वास्थ्य के अधिकार को सुरक्षित करेगा। साथ ही यह देश के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में चिकित्सा-जनसंख्या अनुपात को बेहतर बनाएगा।

याचिका में कहा गया है, ‘‘हमारे पास मेडिकल पेशेवरों का एक वैकल्पिक कार्यबल है जिन्हें सरकार ने हमेशा ही नजरअंदाज किया है और वे हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सहायता उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। 7.88 लाख आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी (एयूएच) चिकित्सक हैं। उनकी 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए यह अनुमान है कि 6.30 लाख एयूएच चिकित्सक सेवा के लिए उपलब्ध हो सकते हैं और इससे एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ चिकित्सक – जनसंख्या अनुपात करीब 1:1000 हो जाएगा।

याचिकाकर्ता ने कहा कि चीन, जापान, जर्मनी सहित कई देशों में समन्वित स्वास्थ्य प्रणाली उपलब्ध है। उन्होंने दावा किया कि सभी चिकित्सा प्रणालियों के समन्वय से मरीजों को लाभ होगा।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

 

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