वह दिन आएगा जब कान्स भारत में होगा: दीपिका पादुकोण |

वह दिन आएगा जब कान्स भारत में होगा: दीपिका पादुकोण

वह दिन आएगा जब कान्स भारत में होगा: दीपिका पादुकोण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : May 18, 2022/8:33 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने बुधवार को कहा कि वह कान्स फिल्म समारोह के जूरी पैनल में शामिल किए जाने के लिए आभारी महसूस करती हैं । साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि एक वक्त आएगा जब भारत भी सिनेमा का ऐसा ही प्रतिष्ठित केंद्र होगा जैसा फ्रेंच रिवेरा पर स्थित ये शहर है।

अभिनेत्री आठ सदस्यीय कान्स प्रतियोगिता जूरी का हिस्सा हैं। उनका कहना है कि भारत को ‘दृढ़ विश्वास’ के साथ घरेलू प्रतिभाओं का समर्थन करने की जरूरत है। इस महोत्सव का आगाज़ 17 मई को हुआ था।

उन्होंने कहा, “एक देश के तौर पर हमें लंबा सफर तय करना है। मुझे एक भारतीय के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व करने पर वास्तव में गर्व होता है, लेकिन जब हम कान्स के 75 वर्षों को देखते हैं, तो पाते हैं कुछ ही भारतीय फिल्में या अभिनेता या प्रतिभाएं हैं, जो इसमें जगह बना पाई हैं।”

भारतीय पवेलियन के उद्घाटन के बाद पादुकोण ने कहा, “मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के तौर पर हमारे पास सामूहिक रूप से प्रतिभा, क्षमता है और हमें बस दृढ़ विश्वास की जरूरत है। मुझे सच में लगता है एक दिन आएगा, जब भारत को कान्स में नहीं आना पड़ेगा, कान्स भारत में होगा।”

भारतीय पवेलियन के उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण पीआईबी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर हुआ है। भारतीय पवेलियन का उद्घाटन कान्स फिल्म मार्केट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संगीतकार एआर रहमान, फिल्मकार शेखर गुप्ता, सीबीएफसी के प्रमुख प्रसून जोशी, अभिनेता आर माधवन, नवाज़दुद्दीन सिद्दीकी, पूजा हेगड़े, तमन्ना, उर्वशी रौतेला और लोक गायक ममे खान समेत अन्य की मौजूगी में किया।

भारत के आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संयोगवश कान्स के भी 75 वर्ष हो रहे हैं। भारत 2022 ‘मार्चे डू फिल्म’ (कान्स फिल्म मार्केट) में भी सम्मानित देश है।

पादुकोण ने कहा कि उन्हें एक भारतीय के रूप में इस बात पर ‘गर्व’ है कि कान्स फिल्म महोत्सव का 75 वां संस्करण भारत की आजादी के 75 वें साल पूरे होने के मौके पर पड़ रहा है।

अभिनेत्री ने रहमान और कपूर को भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का श्रेय दिया। वे भी महोत्सव में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।

ब्रिटिश फिल्मकार रिचर्ड एटनबरो द्वारा ‘गांधी’ का निर्देशन करने और कपूर द्वारा महारानी एलिजाबेथ प्रथम की फिल्म सीरीज़ बनाने का हवाला देते हुए रहमान ने कहा कि यह काफी प्रेरित करने वाला है।

दो बार ऑस्कर जीतने वाले रहमान के निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘ले मस्क’ का प्रदर्शन‘ कान्स फिल्म मार्केट्स कान्स एक्सआर प्रोग्राम’ में हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अंग्रेजी में फिल्म बनाई हैं क्योंकि वे बाधाओं को तोड़ना चाहते हैं।

पादुकोण से सहमति व्यक्त करते हुए कपूर ने कहा, “अगला कान्स भारत में होगा।”

उन्होंने कहा, “हमारी भूमि पर कई सारी कहानियां हैं… पहले, हम पर पश्चिम की संस्कृति हावी थी… लेकिन अब, पश्चिम का असर कम हो रहा है और पूर्व का बढ़ रहा है।”

गीतकार और कवि जोशी ने कहा कि फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए ताकि देश के छोटे और दूरदराज के शहरों में रहने वाले महत्वाकांक्षी कलाकारों के सपने सच हों सकें।

उन्होंने कहा, “हम विविधता के बारे में बात करते हैं। जब तक सशक्तिकरण नहीं होगा हम विविधता कैसे प्राप्त करेंगे?”

माधवन ने कहा कि वह उन अभिनेताओं से ‘ईर्ष्या’ करते थे जिनकी फिल्मों का प्रदर्शन महोत्सव में होता था। अब उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘रॉकेटरी: द नांबी इफेक्ट’ का बृहस्पतिवार को कान्स फिल्म मार्केट में विश्व प्रदर्शन होना है और इसे लेकर वह ‘नर्वस’ हैं।

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और नेटफ्लिक्स सीरीज़ ‘सेक्रेड गेम्स’ के अभिनेता सिद्दीकी ने सरकार से ‘ऐसी कहानियों को समर्थन देने का आग्रह किया जो स्थानीय हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर काम कर सकती हैं।”

प्रतिनिधिमंडल ने इंडिया पवेलियन में ‘इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया’ (आईएफएफआई) के 53वें संस्करण का पोस्टर भी जारी किया।

मुख्य महोत्सव में भारत की ओर से सिर्फ दिल्ली के फिल्म निर्माता शौनक सेन की डॉक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ और प्रथम खुराना की लघु फिल्म ‘ले सिनेफ’ का प्रदर्शन होगा।

यह महोत्सव 28 मई तक चलेगा।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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