राजनयिक विवाद का सैन्य संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा; भारत के साथ रक्षा सहयोग जारी रखेंगे: कनाडा के उप सेना प्रमुख |

राजनयिक विवाद का सैन्य संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा; भारत के साथ रक्षा सहयोग जारी रखेंगे: कनाडा के उप सेना प्रमुख

राजनयिक विवाद का सैन्य संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा; भारत के साथ रक्षा सहयोग जारी रखेंगे: कनाडा के उप सेना प्रमुख

:   Modified Date:  September 26, 2023 / 08:16 PM IST, Published Date : September 26, 2023/8:16 pm IST

(मानस प्रतिम भुइयां)

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) कनाडा के उप सेना प्रमुख मेजर जनरल पीटर स्कॉट ने मंगलवार को कहा कि भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक विवाद का असर उनके द्विपक्षीय सैन्य संबंधों पर नहीं पड़ेगा और मामले को राजनीतिक स्तर पर सुलझाना होगा।

स्कॉट यहां हिंद-प्रशांत सैन्य प्रमुखों के सम्मेलन (आईपीएसीसी) में कनाडा के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें 30 से अधिक देशों से आए सैन्य प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जहां तक मेरी जानकारी है, इसका हम पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। हमने मामले में प्रयास करने और इसे सुलझाने का जिम्मा राजनीतिक स्तर पर छोड़ दिया है।’’

मेजर जनरल स्कॉट ने कहा, ‘‘हम यहां आकर खुश हैं और हमें बिल्कुल भी नहीं लगता कि इस मुद्दे को लेकर इस मोड़ पर कोई असर पड़ेगा।’’

खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में जून में हुई हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं।

भारत ने इन आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘बेबुनियाद’’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले उसने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।

कनाडा के उप सेना प्रमुख ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण की दिशा में भारत की भूमिका के लिए उसकी सराहना की।

हाउस ऑफ कॉमन्स (कनाडा की संसद का निचले सदन) में ट्रूडो द्वारा भारत पर पिछले सप्ताह लगाए गए आरोपों से शुरू हुए राजनयिक विवाद के बाद स्कॉट नयी दिल्ली की यात्रा करने वाले कनाडा के पहले उच्च स्तरीय अधिकारी हैं।

स्कॉट ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच यह राजनीतिक मुद्दा है। निश्चित रूप से हमारे प्रधानमंत्री… ने हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा उठाया था और वर्तमान में जारी स्वतंत्र जांच पर भारत के सहयोग का अनुरोध करते हुए एक बयान दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों की सेनाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। मैंने कल रात सेना के आपके कमांडर (सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे) से बात की। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।’’

मेजर जनरल स्कॉट ने कहा, ‘‘अभी जो हम देख पा रहे हैं वह यह है कि हम सहयोग करना, चर्चा करना और इस तरह के विशेष मंचों के जरिए विचारों का आदान-प्रदान करना जारी रखेंगे जिससे हम हिंद-प्रशांत के कई देशों के सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान ढूंढ सकते हैं।’’

भारतीय सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर एक आम रणनीति विकसित करने के लिए हिंद-प्रशांत सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रही है। इस सम्मेलन में 30 से ज्यादा देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं।

स्कॉट ने कहा, ‘दो सेनाओं के रूप में, हम उन अन्य 30 देशों के बीच अवसरों की तलाश कर रहे हैं, जो वर्तमान में इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, ताकि हम ऐसे क्षेत्रों को ढूंढ सकें, जहां हम सहयोग कर सकें, एक साथ प्रशिक्षण ले सकें, अभ्यास और संचालन कर सकें, ताकि हम सभी क्षेत्र में शांति, स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान दे सकें।’

सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि हिंद-प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर देता है।

भाषा पारुल माधव

माधव

 

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