एफआरआई ने दिल्ली सरकार से कहा, पौधारोपण से पहले देख लें कि स्थान उपयुक्त है या नहीं |

एफआरआई ने दिल्ली सरकार से कहा, पौधारोपण से पहले देख लें कि स्थान उपयुक्त है या नहीं

एफआरआई ने दिल्ली सरकार से कहा, पौधारोपण से पहले देख लें कि स्थान उपयुक्त है या नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : April 2, 2022/1:01 pm IST

नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) ने दिल्ली सरकार को पौधों की उत्तरजीविता दर में सुधार लाने के लिए पौधारोपण अभियान चलाने से पहले यह विश्लेषण कराने को कहा है कि जिस स्थान पर पौधारोपण किया जा रहा है, वह इसके लिए उपयुक्त है या नहीं।

एफआरआई ने दिल्ली वन विभाग से भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) और रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय राजधानी में लवणता, कटाव, खारेपन और जल भराव से प्रभावित जमीन की पहचान करने को भी कहा है।

उसने सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा कि ऐसी जमीन को उचित पौधारोपण गतिविधियों के जरिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

दिल्ली में 2016 और 2019 के बीच पौधारोपण अभियान का ऑडिट करने वाले प्रमुख संस्थान ने कहा, ‘‘हालांकि, पौधारोपण निगरानी के नतीजों ने उत्साहजनक तस्वीर पेश की है, लेकिन कई ऐसे कदम हैं, जिन्हें भविष्य में पौधारोपण गतिविधि में सुधार लाने के लिए उठाए जाने का सुझाव दिया जाता है।’’

एफआरआई ने कहा, ‘‘पौधारोपण गतिविधियों से पहले यह विश्लेषण करना अनिवार्य है कि क्या यह स्थान इसके लिए उपयुक्त है। मिट्टी की गुणवत्ता, प्रजातियों की उपयुक्तता, स्थलाकृतिक और स्थानीय कारक जैसे कुछ मापदंड हैं, जिन पर पौधारोपण से पहले विचार किया जाना चाहिए।’’

संस्थान के मुताबिक, ऐसा देखा गया है कि कुछ स्थान पौधारोपण के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि लोग वहां कूड़ा फेंकते हैं और आवारा पशु पौधों को नष्ट कर देते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि विभाग इस साल पौधारोपण अभियान को ‘अधिक वैज्ञानिक’ बनाने की कवायद के तहत आंतरिक ऑडिट और कई स्थानों पर मृदा जांच करा रहा है।

एफआरआई को यह भी लगता है कि फील्ड कर्मियों को पौधारोपण की आधुनिक तकनीक और वनों की आग पर काबू पाने के संबंध में प्रशिक्षण देने की भी जरूरत है।

भाषा गोला पारुल

पारुल

 

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