ईआरसीपी परियोजना को लेकर गहलोत और शेखावत के बीच बयानबाजी का दौर जारी |

ईआरसीपी परियोजना को लेकर गहलोत और शेखावत के बीच बयानबाजी का दौर जारी

ईआरसीपी परियोजना को लेकर गहलोत और शेखावत के बीच बयानबाजी का दौर जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : April 12, 2022/1:49 am IST

जयपुर, 11 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच सोमवार को सियासी बयानबाजी का दौर जारी रहा। गहलोत ने पूर्व में शेखावत पर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिये काम नहीं करने का आरोप लगाया था।

शेखावत ने गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा, ”अशोक गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है। वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया था।”

गहलोत ने रविवार को शेखावत को प्रधानमंत्री से ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित नहीं करवा पाने का आरोप लगाया था। गहलोत ने शेखावत पर दो साल पहले राज्य में उनकी (गहलोत) की सरकार गिराने के प्रयास में शामिल होने का भी आरोप लगाया था।

शेखावत ने कहा,‘‘अशोक गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है। वह आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं और तब से वह मुझे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है।’’

उन्होंने कहा कि वह उन्हें उकसाने के लिये न सिर्फ सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रहे है बल्कि गहलोत खुद बेतुके बयान दे रहे है।

शेखावत ने कहा, ‘‘मैंने तो उन्हें चुनौती दी है, वे मोदीजी पर लगाए अपने निहायत मनगढ़ंत आरोप साबित करके बताएं, परंतु वे प्रमाण देने की बजाय मुख्य मुद्दे को बहस में उलझाना चाहते हैं।’’

गहलोत ने सोमवार को केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर ईआरसीपी परियोजना को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान से जल शक्ति मंत्री होते हुए भी वह राज्य के लिये कुछ नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझ के परे है कि राजस्थान जैसे रेगिस्तानी एवं जल अभावग्रस्त राज्य को पानी की परियोजना को नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा नहीं मिलेगा तो किस राज्य को मिलेगा? यह स्थिति तो तब है जब यहां के सांसद ही जलशक्ति मंत्री हैं पर वो प्रदेश के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि हमारी मंशा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का काम शीघ्र पूरा हो जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल व सिंचाई का पानी मिल सके। प्रदेश सरकार ने ईआरसीपी पर अभी तक करीब 1000 करोड़ का व्यय किए हैं एवं इस बजट में 9600 करोड़ प्रस्तावित किए हैं।

इस परियोजना का उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान की नदियों जैसे चंबल और कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध सहित उसकी सहायक नदियों में बरसात के मौसम के दौरान उपलब्ध अधिशेष पानी को इकट्ठा करना और राज्य के 13 दक्षिण पूर्वी जिलों में इसका उपयोग करना है जहां पीने और सिंचाई के लिये पानी की कमी है।

भाषा कुंज बिहारी शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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