भारत में 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर: वैज्ञानिक |

भारत में 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर: वैज्ञानिक

भारत में 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर: वैज्ञानिक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : January 19, 2022/5:54 am IST

Third wave of Covid-19 in India : नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर के एक वैज्ञानिक के अनुसार, भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है और इस दौरान रोजाना संक्रमण के चार लाख से कुछ कम मामले सामने आ सकते हैं।

आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर व ‘सूत्र कोविड मॉडल’ से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं में शामिल मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पहले ही, बीते सात दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या चरम पर पहुंच चुकी है।

महामारी की शुरुआत के बाद से देश में कोविड मामलों की संख्या का पता लगाने और इस संबंध में अनुमान जताने के लिये ‘सूत्र कोविड मॉडल’ का उपयोग किया गया है।

अग्रवाल के अनुसार इस सप्ताह महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में कोविड ​​​​-19 के मामले चरम पर होंगे, जबकि आंध्र प्रदेश, असम और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अगले सप्ताह इनके चरम पर पहुंचने की आशंका है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”भारत में 23 जनवरी को दैनिक मामलों की संख्या चरम पर पहुंचने का अनुमान है। तब इन मामलों की संख्या चार लाख से कुछ कम रह सकती है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता महानगरों में पहले ही इनकी संख्या चरम पर हैं।”

अग्रवाल ने पहले अनुमान जताया था कि कोविड ​​​​-19 की तीसरी लहर जनवरी के अंत तक चरम पर होगी।

महामारी की स्थिति में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”देश भर में, प्रक्षेपवक्र महत्वपूर्ण रूप से बदल रहे हैं। मैंने पहले अनुमान लगाया था कि जांच रणनीति में बदलाव को लेकर आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के कारण ऐसा हुआ है। हालांकि, कई जगहों पर, ये दिशानिर्देश अभी तक लागू नहीं हुए हैं और फिर भी, प्रक्षेपवक्र बदल गया है।”

एक नए सरकारी परामर्श के अनुसार, अंतर-राज्यीय घरेलू यात्रा करने वाले व्यक्तियों और कोविड संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की तब तक जांच करने की आवश्यकता नहीं है जब तक कि उन्हें उम्र या विभिन्न रोगों के चलते खतरा न हो।

अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल नवंबर में जब ओमीक्रोन स्वरूप फैलना शुरू हुआ तो बहुत चिंता थी।

हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते या उससे पहले, लगभग हर जगह लोगों ने निष्कर्ष निकाला है कि इस स्वरूप में केवल ‘हल्का संक्रमण’ होता है और जांच कराने के बजाय मानक उपचार के जरिये इससे निपटा जा सकता है।

इससे पहले, संस्थान में एक अलग शोध दल द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला था कि भारत में महामारी की तीसरी लहर 3 फरवरी तक चरम पर हो सकती है।

भारत में बुधवार को एक दिन में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या बढ़ोतरी के साथ 2,82,970 दर्ज की गई। इसके अलावा 441 रोगियों की मौत हुई। देश में अब तक कुल 3,79,01,241 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। 4,87,202 लोगों की मौत हो चुकी है।

भाषा

जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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