नयी दिल्ली/अहमदाबाद, 17 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय की कम से कम कुछ अदालतों में अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण की शुरुआत के प्रति उत्सुकता व्यक्त करते हुए प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने शनिवार को कहा कि नागरिकों के ‘जानने के अधिकार’ को न्याय प्रदायगी प्रणाली को ‘‘आसान बनाकर’’ और मजबूत किया जा सकता है तथा इस प्रणाली को आसान बनाने का यह सही समय है।
सीजेआई ने अदालती कार्यवाहियों के सीधे प्रसारण, जो कई बार ‘‘दुधारी तलवार’’ हो सकती है, के मुद्दे पर व्यावहारिक सोच अपनाने का आह्वान किया।
न्यायमूर्ति रमण ने गुजरात उच्च न्यायालय में अदालती कार्यवाहियों के सीधे प्रसारण की औपचारिक शरुआत करते हुए कहा, ‘‘भारत के लोगों को संविधान के अंतर्गत ‘जानने का अधिकार’ है, जिसमें उनकी सेवा करनेवाले संस्थानों की जानकारी शामिल है। इस अधिकार को आगे बढ़ाने का एक रास्ता यह है कि लोगों को इन संस्थानों की कार्यप्रणाली को देखने की अनुमति दी जाए।’’
सीजेआई ने कहा, ‘‘उद्देश्य लोगों को सुविज्ञ रखने का है। सुविज्ञ नागरिकों की वजह से ही प्रतिनिधिक लोकतंत्र फल-फूल सकता है।’’
न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि न्याय प्रदायगी प्रणाली को आसान बनाने का यह सही समय है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालती कार्यवाहियों के सीधे प्रसारण से न्याय प्रदायगी प्रणाली के बारे में गलत धारणाएं दूर होंगी और शीर्ष न्यायालय कम से कम अपनी कुछ अदालतों में यह सुविधा उपलब्ध कराने को उत्सुक है।
भाषा
नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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