monkeypox vaccine india: मुंबई। दुनिया में डर की नई वजह बनी मंकीपॉक्स बीमारी ने भारत में भी दस्तक दे दी है। मंकिपॉक्स के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर आ गया है। दुनिया भर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच इस दुर्लभ वायरस को लेकर लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है। भारत में भी मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं। तो वहीं 75 देशों में 16,000 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
ये भी पढ़ें- लाश को नसीब नहीं हुआ श्मशान, बीच सड़क पर जलाई चिता, ग्रामीणों ने लगाए कई गंभीर आरोप
monkeypox vaccine india: मंकीपॉक्स का वायरस चेचक के ही खानदान से है, ऐसे में स्मॉलपॉक्स यानी चेचक का टीका इस पर अच्छा असर दिखा रहा है। भारत में 80 के दशक से पहले तक जन्म के समय ही चेचक के टीके लगा दिए जाते थे। ऐसे में जिन लोगों की उम्र अभी 40 साल से ऊपर है, उनमें मंकीपॉक्स का खतरा कम है। WHO ने इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी में रखा है। ये वायरस का संक्रमण इतना क्यों फैल रहा है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक 22 जुलाई, 2022 तक मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा केस स्पेन में हैं।
ये भी पढ़ें- बच्चा पैदा करने के लिए कैदी ने मांगी पैरोल, उम्रकैद की सजा काट रहा शख्स, मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
monkeypox vaccine india: रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक चेचक का टीका मंकीपॉक्स को रोकने में कम से कम 85% प्रभावी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन वयस्कों को चेचक का टीका लगाया गया है, वे मंकीपॉक्स के संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं। अगर इन लोगों को मंकीपॉक्स का संक्रमण होता भी है तो केवल हल्के लक्षण ही देखने को मिलेंगे। आंकड़े बताते हैं कि इससे संक्रमित होने वाले अधिकांश वयस्क जिन्हें चेचक का टीका लगा है वे गंभीर रूप से बीमार नहीं होते हैं। उन लोगों को मंकीपॉक्स से अधिक सावधान रहने की जरूरत है जिन्हें चेचक का टीका नहीं लगा है।
ये भी पढ़ें- अगले 2 दिन तक कैसा रहेगा मौसम, विभाग ने इन जिलों में जारी किया अलर्ट
monkeypox vaccine india: विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स पर नियंत्रण के लिए बिना भेदभाव जांच होनी चाहिए। एड्स रोकथाम व्यवस्था के तहत इसकी निगरानी होनी चाहिए। यह कोरोना से कम संक्रामक है। दावे किए जा रहे कि जिन लोगों ने चेचक का टीका लगवाया है, उन्हें यह नुकसान नहीं पहुंचा सकता। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) ने देशभर में 15 लैब खोली हैं। एनआइवी के पुणे परिसर में प्रशिक्षित विशेषज्ञ इन लैब में तैनात किए गए हैं। इसका मकसद समय पर सैंपल्स की जांच करना है, ताकि मरीजों का उचित उपचार किया जा सके।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें