आदिवासियों को परिपूर्णता से अपना जीवन जीना चाहिए: द्रौपदी मुर्मू |

आदिवासियों को परिपूर्णता से अपना जीवन जीना चाहिए: द्रौपदी मुर्मू

आदिवासियों को परिपूर्णता से अपना जीवन जीना चाहिए: द्रौपदी मुर्मू

:   Modified Date:  February 29, 2024 / 03:01 PM IST, Published Date : February 29, 2024/3:01 pm IST

क्योंझर (ओडिशा), 29 फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि आदिवासियों को सरकार और समाज के सहयोग से अपना जीवन परिपूर्णता से जीना चाहिए। मुर्मू ने ओडिशा के क्योंझर जिले के गोनासिका में पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) जुआंग जनजाति के लोगों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही। राष्ट्रपति ने बातचीत के दौरान सभी पुरुष और महिलाओं से कहा, ‘उड़िया में एक कहावत है कि ‘ढोके पी, दांडे जी’ (एक बूंद पियें और थोड़ी देर जियें)। लेकिन, हम आदिवासी अब एक बूंद भी नहीं पियेंगे, हमें परिपूर्णता से जीवन जीना चाहिए, कुछ देर के लिए नहीं।” राज्य में अपनी चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन मुर्मू क्योंझर जिले में पहुंची और वहां उन्होंने जुआंग जनजाति के पुरुष और महिलाओं से बातचीत की, और आदिवासियों की शिक्षा, प्रशिक्षण, रोजगार और स्वास्थ्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि आदिवासी आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाएं तो वे आत्मनिर्भर हो सकते हैं। राष्ट्रपति ने वहां उपस्थित लोगों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आदिवासी बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ना छोड़ें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पढ़ाई छोड़ने वाले आदिवासी बच्चों की पहचान करें और उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करें।…

मुर्मू ने जिलाधिकारियों से बेरोजगार आदिवासी युवाओं को सहयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘उनके प्रशिक्षण के बाद आदिवासियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे सम्मान के साथ अपनी आजीविका कमा सकें।’ उन्होंने जनजातीय सभा से विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक होने और उनका लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग अब 2029 तक मुफ्त चावल पाने के हकदार हैं और किसी को अगले पांच वर्ष तक भोजन के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए। आदिवासी पुरुषों और महिलाओं दोनों को शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार पर जोर देना चाहिए। मुर्मू ने सभा को बताया कि केंद्र सरकार ने तीन वर्षों में 75 पीवीटीजी के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा, ‘आवश्यकता पड़ने पर सरकार अधिक सहायता देने के लिए भी तैयार है।’ उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना भोजन, पेयजल, घर, सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य जैसे उनके मुद्दों का ध्यान रखेगी। भाषा प्रीति माधवमाधव

 

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