खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये ‘ट्वायकाथन 2021’ शुरू | 'Twakathan 2021' launched to promote innovation in toy production

खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये ‘ट्वायकाथन 2021’ शुरू

खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये ‘ट्वायकाथन 2021’ शुरू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : January 5, 2021/10:02 am IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को डिजिटल खिलौना हैकाथॉन ‘ट्वायकाथन 2021’ की शुरूआत की । इसका मकसद बच्चों के लिए नए स्वदेशी खिलौने उपलब्ध कराने और भारत को खिलौना उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बनने को लेकर नवाचार को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत में 1.5 अरब डालर का खिलौना बाजार है और इसमें से 80 प्रतिशत खिलौने विदेश से आते हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में पहली बार स्कूली बच्चों और कालेजों के छात्रों को साथ लेकर खिलौने के माध्यम से देश की अर्थव्यस्था को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ’’

स्मृति ने कहा कि इस उद्देश्य से छह अलग विभाग खिलौना हैकाथॉन ‘ट्वायकाथन 2021’ शुरू किया जा रहा है जिससे नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके ।

उन्होंने कहा कि ट्वायकाथन के माध्यम से कुल 50 लाख रूपये तक के अलग अलग पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे ।

एक सवाल के जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय छात्रों का नवाचार के लिये आह्वान कर रहा है और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देशभर में जागरूकता फैलाने का काम करेगा ।

वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21वीं सदी में आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के आह्वान के तहत ट्वायकाथन एक महत्वपूर्ण पहल है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में खिलौनों का 7 लाख करोड़ रूपये का बाजार है और भारत में हम 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं । ऐसे में खिलौनों के क्षेत्र में नवाचार एवं विचारों को आमंत्रित करने के लिये हम खिलौने से जुड़े हैकाथान का आयोजन कर रहे हैं ।

निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में स्वदेशी खिलौने के महत्व को रेखांकित किया था और यह प्रयास स्वदेशी खिलौने के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का दिशा में एक कदम है ।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष अगस्त में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी ऑफ़ गांधीनगर,महिला और बाल विकास मंत्रालय,शिक्षा मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ बच्चों के लिए नए खिलौने उपलब्ध कराने और भारत के खिलौना उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बनने को लेकर अपने विचार साझा किये थे।

भाषा दीपक दीपक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)