नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अनधिकृत निर्माण को एक स्थायी समस्या करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसकी निगरानी के लिए उपग्रह मानचित्रण और ‘जियो-फेंसिंग’ काफी महत्वपूर्ण हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अतिक्रमण, अनधिकृत और अवैध निर्माण का पता लगाने और उनकी त्वरित निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग आवश्यक है।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति ए. एस. ओका की पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत निर्माण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि भूमि के अतिक्रमण का पता लगाने के लिए मूल आवश्यकता भूमि का उपग्रह मानचित्रण है।
पीठ ने कहा, ‘इस मामले को हमारे निर्देश के अनुरुप हमारे सामने रखा गया है और उपग्रह मानचित्रण एवं जियो फेंसिंग जैसे पहलू बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अनधिकृत निर्माण एक स्थायी समस्या है।’
पीठ ने किसी क्षेत्र की उपग्रह से बेहतर गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने या ड्रोन से तस्वीरें लेने के विकल्प का भी सुझाव दिया।
इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
भाषा अविनाश नरेश
नरेश
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