उपराष्ट्रपति ने लोगों से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में शामिल होने का आह्वान किया |

उपराष्ट्रपति ने लोगों से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में शामिल होने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने लोगों से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में शामिल होने का आह्वान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : April 13, 2022/8:24 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को लोगों और नागरिक संगठनों से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में शामिल होने का आग्रह करते हुए उचित उपचार और एकीकृत कुष्ठ सेवाओं तक समान पहुंच के लिए गहन प्रयास किए जाने का आह्वान किया।

नायडू ने यहां अपने आवास पर चंडीगढ़ के डॉ. भूषण कुमार और गुजरात के सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट को कुष्ठ रोग संबंधी अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार, 2021 प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह में यह टिप्पणी की।

इस वार्षिक पुरस्कार की स्थापना गांधी मेमोरियल लेप्रोसी फाउंडेशन द्वारा की गयी थी।

इस मौके पर नायडू ने कहा कि कुमार और सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट दोनों ही कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता फैलाने तथा इससे पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए लगन से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे दोनों इससे जुड़े कलंक को दूर करने का भी प्रयास कर रहे हैं और उनके प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय हैं।

उपराष्ट्रपति ने लोगों और नागरिक संगठनों से कुष्ठ उन्मूलन अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस नेक काम को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक लामबंदी होनी चाहिए। उन्होंने ग्राम सभा से अपने कार्यक्रमों में कुष्ठ उन्मूलन को शामिल करने का आह्वान किया।

कुष्ठ रोग के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि भारत ने कुष्ठ उन्मूलन के दर्जे को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसे प्रति दस हजार की आबादी पर एक से कम मामले के रूप में परिभाषित किया गया है।

हालांकि, नायडू ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की कि दुनिया में कुष्ठ रोग के सबसे अधिक मामले भारत में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर (2020-2021) पाए गए नए मामलों में भारत का हिस्सा (51 प्रतिशत) है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम कुष्ठ रोग के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है और पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटा है।

कुष्ठ मरीजों द्वारा झेले गए सामाजिक बहिष्कार को खत्म करने की दिशा में महात्मा गांधी के योगदान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, ‘कुष्ठ रोगियों के प्रति महात्मा गांधी जी की करुणा साथी मनुष्यों के प्रति अनुकरणीय दया का एक प्रमुख उदाहरण है।’’

महात्मा गांधी का हवाला देते हुए नायडू ने कहा, ‘कुष्ठ कार्य केवल चिकित्सा राहत नहीं है,बल्कि यह जीवन में निराशा को समर्पण के आनंद में, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को निस्वार्थ सेवा में बदलता है। यदि आप किसी एक रोगी के जीवन को बदल सकते हैं या उसके जीवन के मूल्यों को बदल सकते हैं तो आप गांव और देश को बदल सकते हैं।’

इस कार्यक्रम में गांधी मेमोरियल लेप्रोसी फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरूभाई मेहता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में उप महानिदेशक (कुष्ठ) डॉ. अनिल कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

भाषा अविनाश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)