(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) सिवोक-रंगपो रेल परियोजना के लिए 855 मीटर लंबी आपातकालीन निकास सुरंग के लिए काम पूरा हो गया है। इस परियोजना के तहत सिक्किम को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ा जायेगा।
अधिकारियों के अनुसार सुरंग का 20 मीटर का हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के नीचे तीस्ता नदी के निकट हैं। उन्होंने बताया कि इसकी नरम मिट्टी में खनन करना पूरी परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि इसके धंसने के अधिक आशंका थी, जिससे सिक्किम का देश के बाकी हिस्सों से सड़क संपर्क टूट सकता था।
परियोजना से जुड़े ‘इरकॉन इंटरनेशनल’ के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्ग-10 एकमात्र सड़क नेटवर्क है जो सिक्किम को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। राजमार्ग से 18 मीटर नीचे सुरंग खोदना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि मिट्टी बहुत नरम और भुरभुरी होती है।’’
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ‘सेकेंट-पाइलिंग विधि’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) द्वारा इसकी जांच करने के बाद, इरकॉन के अधिकारियों ने खनन कार्य की सरलता को समझाते हुए एक ‘केस स्टडी’ की।
पश्चिम बंगाल में सिवोक और सिक्किम में रानपो के बीच 44.96 किलोमीट की कुल लंबाई वाली सिवोक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) में 14 सुरंग, 22 पुल (13 बड़े, नौ छोटे) और पांच रेलवे स्टेशन सिवोक, रियांग , तीस्ता बाजार, मेल्ली और रंगपो शामिल हैं।
एक रेलवे अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 14 सुरंगों में से 10 में खनन का काम पूरा हो चुका है और इन 10 में से चार में ‘लाइनिंग’ का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि परियोजना की सबसे लंबी सुरंग 5.3 किलोमीटर और सबसे छोटी 538 मीटर है।
भारतीय रेलवे ने एसआरआरपी को पूरा करने के लिए अगस्त, 2025 की नई समय सीमा तय की है।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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