यमन यात्रा: उच्च न्यायालय ने पासपोर्ट जारी कराने के लिए निजी अनुरोध के साथ अधिकारी से संपर्क करने की छूट दी |

यमन यात्रा: उच्च न्यायालय ने पासपोर्ट जारी कराने के लिए निजी अनुरोध के साथ अधिकारी से संपर्क करने की छूट दी

यमन यात्रा: उच्च न्यायालय ने पासपोर्ट जारी कराने के लिए निजी अनुरोध के साथ अधिकारी से संपर्क करने की छूट दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : September 26, 2022/5:18 pm IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन भारतीयों को पासपोर्ट जारी कराने के लिए निजी अनुरोध के साथ पासपोर्ट अधिकारियों से संपर्क करने की छूट दे दी जो पिछले कई सालों से यमन में काम कर रहे हैं, लेकिन उनके पासपोर्ट यहां अधिकारियों ने जब्त कर लिये हैं।

अदालत कुछ भारतीयों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने दलील दी कि एक अधिसूचना के कारण अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये। इस अधिसूचना में कहा गया था कि यमन यात्रा केंद्र सरकार के विदेश मामलों के संचालन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के आवेदनों पर आठ हफ्ते के अंदर निर्णय लिया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने इस निर्देश के साथ याचिका का निबटारा कर दिया कि याचिकाकर्ता चार हफ्ते के अंदर संबंधित पासपोर्ट अधिकारी से व्यक्तिगत अनुरोध के साथ संपर्क कर सकते हैं और इसके बाद आठ हफ्ते के अंदर आवेदन पर फैसला किया जाए।

पासपोर्ट जारी करने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं और उनकी सामाजिक स्थिति ने उन्हें यमन जैसे देश में नौकरी करने के लिए मजबूर कर दिया जो सुरक्षा की दृष्टि से एक संवेदनशील देश है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वह इस बात की शपथ लेते हुए हलफनामा देने के लिए तैयार हैं कि वे तब तक यमन की यात्रा नहीं करेंगे, जब तक कि भारत सरकार यात्रा प्रतिबंध हटा नहीं देती।

कुल 23 याचिकाकर्ताओं के वकील सुभाष चंद्रन के.आर. ने अदालत से केंद्र सरकार की ओर से 26 सितंबर 2019 को जारी गजट अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की।

भाषा संतोष मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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