'तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना' जैसे हजारों गाने से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ का अंत | Thousands of songs like 'Tere Mere Mein Mein Kya Yeh Bandhan Anjana' end the voice that enchants music lovers

‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना’ जैसे हजारों गाने से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ का अंत

'तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना' जैसे हजारों गाने से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ का अंत

:   Modified Date:  December 4, 2022 / 03:08 PM IST, Published Date : December 4, 2022/3:08 pm IST

मुंबई। दक्षिण भारतीय और हिंदी फ़िल्मों के मशहूर गायक एसपी बालासुब्रमण्यम की सुरीली आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई। आज 74 वर्षीय बालासुब्रमण्यम ने चेन्नई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। हिंदी फ़िल्में देखने वाले नई पीढ़ी के कुछ लोग हो सकता है दिग्गज गायक एसपी बालासुब्रमण्यम के नाम से वाक़िफ़ हों, या कुछ न भी हों, पर सलमान ख़ान का नाम तो जानते ही हैं, जब सलमान ख़ान नए-नए फ़िल्मों में आए थे तो कई सालों तक एसपी बालासुब्रण्यम को सलमान ख़ान की आवाज़ समझा जाता था। ‘मैंने प्यार किया’ के गाने हों या ‘साजन’ या फिर ‘हम आपके हैं कौन’ इन सब फ़िल्मों में सलमान को एसपी ने ही आवाज़ दी थी।

कुछ साल पहले आई ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ का टाइटल गाना एसपी बालासुब्रमण्यम ने ही गाया था। 80 के दशक से लेकर नई सदी की शुरुआत तक एसपी बालासुब्रमण्यम हिंदी फ़िल्मों में गाते रहे हैं। दक्षिण भारत में पहचान बना चुके एसपी बालासुब्रमण्यम ने 1981 में आई फ़िल्म ‘एक दूजे के लिए’ में पहली बार हिंदी फ़िल्मों में कमल हासन के लिए गाना गया और नेशनल अवॉर्ड जीता। गाने के बोल थे ‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना’।

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घर-घर पहचाना जाने वाला नाम

आज उनके निधन की खबर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “एसपी बालासुब्रमण्यम की मौत से हमारी सांस्कृतिक दुनिया को बहुत नुक़सान हुआ है, पूरे भारत में घर-घर पहचाना जाने वाला नाम, उनकी मधुर आवाज़ और संगीत ने दशकों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और उनके चाहने वालों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं” फ़िल्मस्टार सलमान ख़ान ने लिखा, “एसपी बालासुब्रमण्यम सर के बारे में सुनकर दिल टूट गया, संगीत की अपनी विरासत में आप हमेशा याद किए जाएंगे, आपको मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।” क्रिकेट कॉमेंटेटर हर्ष भोगले ने भी उनकी मौत पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है, “बहुत दुख की बात है कि हम सब को एसपी सुब्रमण्यम को अलविदा कहना पड़ रहा है, लेकिन उन्होंने संगीत का आनंद लेने के लिए अपने पीछे एक शानदार लाइब्रेरी छोड़ रखी है”

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मोहम्मद रफ़ी के बड़े फ़ैन

बालासुब्रमण्यम ने एक के बाद एक मशहूर गाने हिंदी में दिए, एकल और युगल दोनों तरह के गाने उन्होने गाए, फ़िल्म सागर के गाने जैसे ‘सच मेरे यार है’ और ‘ओ मारिया’, फिल्म मैंने प्यार किया के गाने जैसे ‘दिल दीवाना’, ‘कबूतर जा जा’, …आजा शाम होने आई’ या ‘मेरे रंग में रंगने वाली’ या फिर ‘हम आपके हैं कौन’ के गाने जैसे ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’, ‘पहला पहला प्यार है’ हो या फिर ‘रोजा’ के सदाबहार गाने जैसे ‘रोजा जानेमन’। दक्षिण भारत में पैदा हुए और कई भाषाओं में गाने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम खुले आम ये कहते थे कि गाना गाने का भाव और प्रेरणा उन्हें हिंदी गानों से मिली, ख़ासकर मोहम्मद रफ़ी के वो बड़े फ़ैन थे, सोनू निगम के साथ एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया था, “मैं साइकिल से कॉलेज जाया करता था, रफ़ी का गाना होता था ‘दीवाना हुआ मौसम’, कई बार मैं रुक जाता था सुनते सुनते, जिस तरह वे झूम के बोलते थे”

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चार अलग अलग भाषाओं में 6 नेशनल अवॉर्ड

महान गायक एसपी बालासुब्रमण्यम की हस्ती और उनका हुनर हिंदी फ़िल्मों के दायरे से कहीं बड़ा है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो छह नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं, वो भी चार अलग अलग भाषाओं में- हिंदी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़। कमल हासन, रजनीकांत, एमजीआर, से लेकर सलमान और शाहरुख़ तक पूरे भारत के सुपरस्टार्स के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम ने गाना गाया है। अपनी आवाज़ से कमल हासन और रजनीकांत के फ़र्क़ को गीतों में जैसे वो लाते हैं, फ़ैन्स उस अदा के मुरीद रहे हैं।

अपने शुरुआती दिनों में एसपी बालासुब्रमण्यम एक छोटे से म्यूज़िकल ग्रुप का हिस्सा थे जिसमें इलयाराजा भी थे, जो जगह-जगह परफ़ॉरमेंस देते थे, तब तक न एसपी बालासुब्रमण्यम और न ही इलयाराजा को कोई जानता था।इतना ही नहीं एसपी बालासुब्रमण्यम हरफ़नमौला कलाकार थे, वो कमाल के डबिंग आर्टिस्ट भी थे। कमल हासन की ज़्यादातर तेलुगु फ़िल्मों में उन्होंने ही डबिंग की। फ़िल्म ‘दशावतराम’ के तेलुगु वर्जन में कमल हासन के 10 किरदारों में से अधिकतर की डबिंग उन्होंने ही की थी। डबिंग के लिए उन्हें दो बार ‘नंदी पुरस्कार’ भी मिला। नंदी पुरस्कार तेलुगु सिनेमा, थिएटर और टीवी के लिए आंध्रप्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान है। अनिल कपूर, गिरीश करनाड, मोहनलाल से लेकर रजनीकांत के लिए वो तमिल या तेलुगु में डबिंग करते रहे, करियर के शुरु से लेकर अब तक उन्होंने कई तमिल और तेलुगू फ़िल्मों में काम किया। संगीत की दुनिया में वो गायिकी से तो मशहूर हैं ही, बतौर संगीत निर्देशक भी काफ़ी काम किया।

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1946 में जन्मे एसपी बालासुब्रमण्यम को शुरु से ही संगीत में दिलचस्पी थी और कई प्राइज़ भी जीते, संगीत में रूचि ज़रूर थी पर वे इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन उनकी मंज़िल संगीत की दुनिया में ही तय थी। 1966 में तमिल फ़िल्म ‘श्रीश्री मर्यादा रामन्ना’ में उन्होंने पहला गाना गाया, वहीं से तमिल और कन्नड़ में भी मौक़े मिलने लगे। तमिलनाडु के उस समय के सुपरस्टार एमजीआर की फ़िल्म ‘अड़मई पेन’ पर फ़िल्माए अपने गाने से वो काफ़ी मशहूर हो गए। शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी संगीत को लेकर बनी 1980 की तेलुगु फ़िल्म ‘शंकराभरणम’ से उन्हें बहुत शोहरत मिली और नेशनल अवॉर्ड भी मिला। जबकि उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा नहीं ली थी।

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सबसे ज़्यादा गाना गाने का गिनीज़ रिकॉर्ड

तेलुगु में आई सागर संगमम, स्वाति मुथ्यम और रुद्रवीणा जैसी फ़िल्मों से उन्होंने अपनी गायकी को और निखारा और शास्त्रीय शैली में प्रयोग भी किया, 60 के दशक से गाते आ रहे एसपी बालासुब्रमण्यम 74 साल की उम्र तक सक्रिय बने रहे। एसपी बालासुब्रमण्यम के बारे में ये मशहूर है कि उन्होंने एक दिन में 21 कन्नड़ गाने गाकर रिकॉर्ड बनाया था और ये भी दावा किया जाता है कि सबसे ज़्यादा गाना गाने का गिनीज़ रिकॉर्ड ( क़रीब 40000) भी उनके नाम हैं। लेकिन ख़ुद एसपी बालासुब्रमण्यम ने 2016 में कहा था कि अब तो वो ख़ुद भी गिनती भूल चुके हैं।